संत धरोहर नृसिंह ऋषभदेव मन्दिर विध्वंसकर्ताओं के विरूद्ध कार्रवाई की मांग

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रितेश गुप्ता थांदला
नगर की प्राचीन ऐतिहासिक संत धरोहर नृसिंह ऋषभदेव मन्दिर जिसे लेकर सनातन एवं मूर्ति पूजक जैन समाज के मध्य एक दशक से चले आ रहे विवाद को लेकर मंगलवार को सनातन धर्मावलम्बियों की और से वरिष्ट समाजसेवी रामायण मेला आयोजन समिति के संयोजक पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष नारायण भट्ट के नेतृत्व स्थानिय अनुविभागीय अधिकारी को एक आवेदन प्रस्तुत किया। गौरतलब है कि करीब तीन शताब्दी पूर्व भक्त संत मलूकदासजी ने श्रीमद भागवत के दो अवतार भगवान नृसिंह एंव ऋषभदेव के दो शीखरबंद मन्दिर नगर के मध्य निर्मित करवायें थे व इसके सामने एक दिपमालिका का निर्माण भी करवाया। कालांतर में जैन समाज जो भी भगवान ऋषभदेव को अपने तीर्थंकर मानते है इस सयुक्त देवलय के व्यवस्था धरोहर स्वरूप उनके पास चली आ रही थी दिसम्बर 2007 में मूर्ति पूजक जैन समाज द्वारा संत धरोहर के प्राचीन स्वरूप को नष्ट कर इसे जैन मन्दिर के रूप में परिवर्तित करने की दुर्भावना से प्राण प्रतिष्ठित प्रतिमाओं को हटाकर मन्दिर को जीर्णोद्धार के नाम पर विध्वंश करना प्रारम्भ करने पर सनातन धर्मावलम्बियों ने अनुविभागीय अधिकारी को ज्ञापन प्रस्तुत कर रोष व्यक्त किया था। जिस पर स्थगन आदेश प्रसारित रहा। आवेदन में सनातन धर्मावलम्बियों ने बताया की विवाद के स्थाई समाधान के लिए विगत 10 अक्टूबर 2012 को तत्कालीन अनुविभागीय दंडाधिकारी प्रहलाद अमरचिया की अध्यक्षता में नगर के सर्वसमाजजनों, अभिभाषकों, नगर परिषद के जनप्रतिनिधियों, पत्रकारों की उपस्थिति में बैठक आयोजित कर यह निर्णय लिया था। प्रथमत: मन्दिर के स्वरूप में किसी प्रकार का परिवर्तन नही किया जाए, देव प्रतिमाओं को समान आसन, शिखर में स्थापित किया जाएगा। मन्दिर का मुख्य द्वार उत्तर की और रखा जाए किन्तु एक द्वार पूर्वाभिमुख भी रखा जाए। निर्माण के पूर्व मन्दिर का मॉडल एवं नक्शा सार्वजनिक किया जावें तत्पश्चात सर्वसम्मतित से ही मन्दिर का निर्माण किया जाए। अपने आवेदन में सनातन समाज ने बताया की मूर्ति पूजक जैन समाज की और से उपरोक्त सर्वसमाज निर्णय की उपेक्षा कर मनमाने तौर पर मन्दिर निर्माण कार्य का भूमिपूजन किये जाने से सनातन धर्मावलम्बियों ने बडी संख्या में कलेक्टर झाबुआ के समक्ष उपस्थित होकर उन्है प्रकरण की वस्तु स्थिति से अवगत करवाया था जिस पर से अनुविभागीय दण्डाधिकारी व्दारा तत्समय स्थगन आदेश प्रसारित किया गया तभी से मन्दिर निर्माण रुका हुआ है। आवेदन में मूर्ति पूजक जैन समाज अलावा सहयोगी संगठन दिगम्बर जैन समाज, स्थानकवासी जैन समाज, तेरपंथ समाज के पदाधिकारी जो की सर्वसमाज की बैठक में उपस्थित थे और उक्त निर्णय का सभी ने स्वागत करते हुए शीघ्र ही निर्णयानुसार मन्दिर निर्माण करवाने का विश्वास दिलाया था को भी पक्षकार बनाकर जांच एवं कार्रवाई की मांग की गई। उक्त आवेदन पर नगर के असंख्य सनातन धर्मावलम्बियों ने सयुक्त रूप से हस्ताक्षर किये है। इस अवसर पर नृसिंह भक्त मण्डल के संयोजक अशोक अरोरा, गणेश मन्दिर न्यास के न्यासी गगनेश उपाध्याय, बजरंग व्यायामशाला के संस्थापक भेरूलाल वैद्य, डॉ सागर मित्रा, मनोज उपाध्याय समेत अन्य लोग उपस्थित थे। वहीं अनुविभागीय अधिकारी ने आवेदन को गंभीरता से लेते हुए शीघ्र ही जांच एवं ठोस कार्रवाई का आश्वासन देते हुए सभी से संयम सद्भाव बनाये रखने की अपील की।