नाम कोरोना योद्धा और घर में खाने के लाले, पंचायत सचिव को 5 माह से नहीं मिला वेतन,15 जुलाई से वेतन नही तो काम नही आंदोलन

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योगेन्द्र राठौड़ @ सोंडवा
कोरोना महामारी में अपनी जान जोखिम में डालकर प्रदेश के 23 हजार पंचायत सचिव 52 हजार गावो में सरकार के सच्चे सैनिक की तरह संघर्ष कर रहे हैं । कोरोना महामारी में ग्रामीण स्तर पर पंचायत सचिव बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, पंचायत सचिव की गुणवत्ता देखकर सरकार ने पंचायत सचिवों कोरोना योद्धा घोषित किया । कोरोना योद्धा घोषित होने के बाद पंचायत सचिव अपनी जान जोखिम में डालकर दिन-रात ग्राम पंचायतों में सरकारी कामकाज के अलावा कोरोना महामारी से हजारों लोगों की जान बचाने के लिए प्रयासरत हैं । लेकिन दुर्भाग्य है कि सरकार ने पंचायत सचिवों को योद्धा तो घोषित कर दिया है लेकिन 5 महीने से वेतन नहीं मिलने से पंचायत सचिव के घर में खाने के लाले हो गए हैं । मकान एवं गाड़ी की किस्त और अन्य किस्तें ओवर्ड्यू होने से बैंक द्वारा गाड़ी खींच ली गई है और उनके घर पर ताले लगने लगे हैं । आज पूरे प्रदेश में 5 माह से वेतन  पंचायत सचिवों को वेतन नहीं मिला है वेतन नहीं मिलने से पंचायत सचिव को रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है। सोंडवा में पंचायत सचिव संगठन ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया है, मध्य प्रदेश पंचायत सचिव संगठन सोंडवा के अध्यक्ष भायसिंह खरत द्वारा बताया गया कि पूरे प्रदेश में पंचायत सचिव को 3 से लेकर 5 माह का वेतन नहीं मिला है वेतन नहीं मिलने से उनके सामने अनेकों समस्याएं खड़ी हो गई है । मध्य प्रदेश पंचायत सचिव संगठन द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि यदि 7 दिनों के अंदर उन्हें वेतन का भुगतान नहीं किया गया तो वे 15 जुलाई से वेतन नहीं तो काम नहीं आंदोलन शुरू करेंगे।