श्रीराम शरणम् साधना सत्संग में 280 भक्तों ने ग्रहण की रामनाम दीक्षा

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झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
अमृतवाणी साधना सत्संग के संस्थापक परम पूज्य स्वामी सत्यानन्द महाराज की परम्परा व अनुशासन के साथ पेटलावद में दो दिवसीय साधना सत्संग एवं नाम दीक्षा कार्यक्रम सानंद संपन्न हुआ। श्रीरामशरणम् सत्संग समिति शीतला माता चौक पेटलावद द्वारा 6 व 7 जनवरी की रात्री का रामनाम साधना सत्संग परम पूज्य ब्रह्मलीन स्वामी सत्यानन्दजी महाराज, प्रेमजी महाराज, नरकेवल बेदीजी महाराज के आशीर्वाद से अश्विनी बेदी जी महाराज लुधियाना के पावन सानिध्य में तथा जिले में श्रीरामशरणम् से साधकों को जोडऩे वाले नीव के पत्थर स्वरूप रामशरण शर्मा इन्दौर के विशेष आतिथ्य में सानंद एवं प्रेमपूर्वक पूजा मेरिज गार्डन रायपुरिया रोड पेटलावद पर संपन्न हुआ। साधना सत्संग में 300 साधकों द्वारा भाग लेकर अनुभवी संत की शरण में बैठकर जाग्रत एवं चैतन्य राम नाम मंत्र की साधना व परमात्मा श्रीराम की भावना के साथ आराधना भजन कीर्तन ध्यान जप चिंतन व अमृतवाणी का पाठ कर भगवत भक्ति को समझा तथा अपने आत्म कल्याण का मार्ग प्रशस्त किया। खुले अमृतवाणी सत्संग में लगभग 500 रामभक्तों ने भाग लेकर भजन कीर्तन व पूज्य महाराज जी के प्रवचन का रसास्वादन किया। सत्संग में खूब रामनाम अमृतरस बरसा व सभी भक्तों ने उसका रसपान किया। पूज्य महाराजजी ने अपने प्रवचनों में रामनाम व सदगुरु की महिमा का गुणगान किया। जिन्हें सुनकर भक्तगण आत्मविभोर हो गये तथा कीर्तन में झूम उठे। श्रीरामशरण शर्मा द्वारा भी रामनाम महिमा का वर्णन किया गया तथा प्रेमजी महाराज एवं परम पूज्य संत नरकेवल बेदी जी महाराज के साथ रहकर हुए अपने दिव्य अनुभवों से साधकों को अवगत करवाया। साधना सत्संग में 280 भक्तों द्वारा महाराजजी रामनाम की दीक्षा ग्रहण कर अपने मनुष्य जीवन को धन्य बनाया। साधना सत्संग में भजनों को मधुर वाणी आदरणीय रमा दीदी रेखा मां शुचिता दी अदिति दी किरण दी मनेद्र भाई द्वारा व अमृतवाणी का पाठ सुनील, मिताली व निलू सामवेदी द्वारा गाया गया। ढोलक पर संगत मनू पटियाला व निलेश सामवेदी सेवा दी गई। दिनांक 5 जनवरी 2018 को श्रीराम शरणम् शीतला माता चौक पेटलावद में भी 7.30 से 9 बजे तक अमृतवाणी का पाठ एवं बेदीजी महाराज के प्रवचन हुए। साधना सत्संग में लुधियाना, श्रीनगर, शिमला, अमृतसर, झाबुआ, मेघनगर, थादंला, रतलाम, इन्दौर, नीमच, जावरा, मन्दसौर, नासिक, बरबोदना, कोद, उज्जैन एवं कई स्थानों से साधक भाई बहनों ने साधना सत्संग में भाग लिया।