शिव महापुराण सुनने से मनोकामना पूर्ण होती है: पंडित प्रफुल्ल शुक्ला

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Salman Shaikh@ Petlawad
शिवपुराण उत्तम यश एवं गति प्रदान करता है। शिव पुराण भगवान शिव का वात्सल्य स्वरूप है। इसका श्रवण करके मनुष्य उत्तम गति को प्राप्त करता है।
इसमें चौबीस हजार श्लोक है एवं इसकी सात संहिता है।
निलकंठेश्वर महादेव मंदिर परिसर में बुधवार से शुरू हुई शिव महापुराण कथा के पहले दिन पंडित प्रफल्ल हरिकृष्ण शुक्ला ने प्रवचन देते हुए कहा। प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी यहां श्रावण मास की शुरूआत होते ही शिवमहापुराण कथा का आयोजन किया जा रहा है। यह कथा 15 दिन तक सतत यहां चलेगी।
पंडित श्री शुक्ला ने आगे कहा देवराज नामक ब्राह्मण कयोग को प्राप्त कर गया था व भ्रष्ट हो चुका था। संयोग से उसने शिवकथा को सुन लिया एवं वह नर्क से बचकर स्वर्ग को प्राप्त हुआ। इसी शिवपुराण को सुनकर चंचुला भी उत्तम गति को प्राप्त हुई एवं मां पार्वती की सखी होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
पंडितजी ने कहा वैसे तो सावन का पूरा महीना भगवान शिव को अर्पित होता है, पर सावन के सोमवारो को भगवान शिव की पूजा करने से विशेष फल मिलता है। इन दिनों शिव महापुराण श्रवण करने का अलग ही महत्व होता है। भगवान भक्तो के मन की आवाज सुनते है। हर जन्म में कई रिश्ते आते है और चलते जाते हैं। प्रभु का रिश्ता जन्म-जन्मांतर तक साथ रहता है। यह रिश्ता कभी नहीं बदलता। मंदिर आकर मन में पूरा विश्वास रखने से ईश्वर की असीम कृपा मिलती है। निष्ठा, लगन, ईमानदारी से काम करें और परिणाम के बारे में न सोचें, क्योंकि प्रभु श्रेष्ठ कर्म का श्रेष्ठ परिणाम देते है।
बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालु-
इससे पहले पंडित श्री शुक्ला के घर से भक्तगण शिव महापुराण को ढोल के साथ अनुशासन से शोभायात्रा के रूप में लेकर निलकंठेश्वर महादेव मंदिर पहुंचे। जहां मंदिर पुजारी विधिवत पूजा-अर्चना कर शिव महापुराण की आरती उतारी। कथा के पहले दिन आसपास से बड़ी संख्या में महिला और पुरूष कथा श्रवण करने के लिए पहुंचे। श्रद्धालुओ ने पहले दिन कथा श्रवण कर धर्मलाभ कमाया।