टप्पा तहसील में चल रहे प्रकरण खारिज करने पर ग्रामीण परेशान

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झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-रायपुरिया क्षेत्र के लगभग 40 से 50 महिलाओं और पुरूषों को पेटलावद तहसील न्यायालय में सोमवार को उस समय परेशानी खड़ी हो गई, जब टप्पा तहसील झकनावदा में चल रहे उनके राजस्व प्रकरणों को नायब तहसीलदार गजराजसिंह सोलंकी एवं उनके रीडर नायक बाबू ने समाप्त करने की सूचना देते हुए तारीख पेशी देने से इनकार कर दिया। इस संबंध में सभी पक्षकार मंगलवार को एसडीएम सीएस सोलंकी से मिले और अपनी समस्या के बारे में बताया।
यह है मामला
पेटलावद तहसील के अंतर्गत सुविधा की दृष्टि से रायपुरिया और झकनावदा क्षेत्र के राजस्व प्रकरणों के लिए शासन ने टप्पा तहसील बना रखी है और इस टप्पा तहसील का कामकाज देखने के लिए प्रभारी नायब तहसीलदार गजराजसिंह सोलंकी को पदस्थ कर रखा है और इस क्षेत्र के राजस्व प्रकरणों को निपटारा करने की जवाबदारी सोलंकी की है। शिकायतकर्ता सोहनलाल सुराना बनी, गुड्डीबाई, हीराबाई, सुखराम आदि ने बताया कि उनके प्रकरण टप्पा तहसील झकनावदा में चल रहे है। 24 जुलाई प्रकरण में तारीख पेशी नियत थी। नायब तहसीलदार ने बाहर सूचना पत्र लगाकर गोपालपुरा चुनाव में व्यस्त होने का कारण बताते हुए। 21 अगस्त नियत की थी आज जब तारीख पेशी पर पहुंचे तो रीडर एवं नायब तहसीलदार ने बिना कोई कारण बताए प्रकरणों को समाप्त कर दिया है। इस बात की जानकारी पक्षकारों ने अपने अभिभाषकों को दी तो अभिभाषकों के साथ में भी नायब तहसीलदार द्वारा दुव्र्यवहार करते हुए संतोषप्रद जवाब नहीं दिया। पेटलावद तहसील सबसे बड़ी राजस्व तहसील होने के बावजूद प्रभारी तहसीलदार धनजी गरवाल के न्यायालय की भी यह व्यवस्था है। पक्षकार तारीख पेशी पर परेशान होते रहते है और जिम्मेदार इस और ध्यान नहीं देते है। तहसीलदार न्यायालय में भी इस प्रकार के कई प्रकरण बिना सुनवाई के निरस्त किए जा चुके है जिसके चलते पीडि़त परेशान हो रहे हैं।
एसडीएम से मिले.
इसके बाद सभी पीडि़त अपने अभिभाषकों और जनप्रतिनिधियों के साथ एसडीएम सीएस सोलंकी से मुलाकात की और अपनी समस्या उनके सामने रखी जिस पर एसडीएम सोलंकी ने नियमानुसार प्रकरणों का निपटारा नहीं होने से जांच करवा कर नियमानुसार कार्रवाई करने का आश्वासन पीडि़तों को दिया।
आर्थिक बोझ लगेगा
जानकारों के अनुसार जिन प्रकरणों को नायब तहसीलदार ने बिना सुनवाई के निरस्त किया है उसमें पीडि़तों को समय और आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा गरीब आदिवासी क्षेत्र के पक्षकारों के लिए दोहरी मार होगी। इस संबंध में नायब तहसीलदार गजराजसिंह सोलंकी से चर्चा की गई तो उनका कहना है कि इस प्रकार का कोई मामला है तो दिखवाते है सभी प्रकरण समाप्त करने का अलग अलग कारण हो सकता है। इस संबंध में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हनुमंत सिंह डाबडी का कहना है कि गरीब लोग न्याय की आस में तहसील आते है लेकिन बिना सुनवाई के केस खारिज कर देना उचित नहीं है हम इस मामले को ऊपर तक ले जाएंगे।