ओढ़ीवाले दाता के सालाना उर्स मुबारक 10 मई जुमेरात को चादर जुलूस, 11 को होगी कव्वाली, 12 को होगा विशाल भंडारा आयोजन

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पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
 हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी शानो-शौकत से पंपावती नदी किनारे स्थित हजरत शेर अली मस्त मस्तान ओढ़ी वाले बाबा (रे.अ.)का सालाना उर्स मुबारक मनाया जाएगा जिसमें देश के प्रसिद्ध कव्वाल पार्टियां अपने-अपने कलाम पेश करेंगेे।
उर्स को लेकर पिछले दिनो सामूहिक रूप से दरगाह स्थल पर सामजजनो की बैठक हो चुकी है। जिसमें समाज के प्रमुख भी शामिल हुए।
सूफी-संतो और जायरिनो का लगेगा मेला:
मालूम हो कि यह स्थल कोमी एकता और सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल है। यहां उर्स के दौरान सुफी-संत और जायरीनो का मेला लगता है। जायरीन बड़ी संख्या में यहां अपनी मन्नते लेकर पहुंचते है। यहां हर समाज से लोग बड़ी संख्या में दर्शन के लिए पहुंचते है।
किस दिन क्या होगा-
समाज के सदर राहील रजा मंसूरी ने बताया बैठक में सभी की सहमति से निर्णय लिया गया कि इस वर्ष मुस्लिम समाज का पवित्र माह रमजान मई माह के तीसरे सप्ताह में शुरूआत हो रही है। जिसके मद्देनजर प्रतिवर्ष मई माह के आखरी सप्ताह में मनाए जाने वाला उर्स इस वर्ष मई माह के पहले सप्ताह में मनाया जाएगा। जिसमें 10 मई जुमेरात को चादर निकाली जाएगी। इसके बाद रात में तकरीर का आयोजन किया जाएगा। जिसमें प्रसिद्ध मोलाना यहां पधारेंगे और तकरीर पेश करेंगे। 11 मई को रात में महफिले समां का आयोजन होगा। जिसमें देश के प्रसिद्ध कव्वाल पार्टियां अपने कलाम पेश करेंगी। इसके बाद 12 मई को रंग और विशाल भंडारे (लंगर ए आम) का आयोजन किया जाएगा।
यह कव्वाल करेंगे शिरकत:
11 मई शुक्रवार की रात महफिले समां में देश के प्रसिद्ध कव्वाल संबल, मुरादाबाद (राजस्थान) के सरफराज चिश्ती और कपासन के इम्तियाज साबरी कव्वाल अपनी पूरी टीम के साथ यहां पहुंचकर एक से बढक़र एक कलाम पेश करेंगे। आपको बता दे कि सरफराज चिश्ती और इम्तियाज साबरी दोनो पेटलावद में पहली बार आ रहे है, जिससे आसपास के क्षैत्रो में भी उत्साह है। उर्स कमेटी के अनुमान के मुताबिक उर्स में करीब 10 से 15 हजार लोग कव्वाली की महफील सुनने के लिए पहुंचेंगे।