आजादी के बाद पहली बार नगर में पानी के लिए हाहाकार, मची त्राहि, हालात हुए बेकाबू

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सलमान शैख़@ झाबुआ Live

शहर के इतिहास में पहली बार जलसंकट के कारण अकाल जैसी स्थिति बन गई है। शहर में भीषण जलसंकट ने पैर पसार लिए है और नगर प्रशासन की नींद अब खुल रही है, लेकिन अब बहुत देर हो चुकी है जब स्थिति गंभीर हो गई है। लोग एक-एक बूंद पानी को तरस रहे है। जून महिना शुरू भी नही हुआ और शहर में गर्मी की तपन से सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। जैसे-जैसे गर्मी अपने पूरे शबाब पर आई है वैसे-वैसे ही शहर में पेयजल की समस्या ने विकराल रूप धारण कर लिया है।
जिले का एकमात्र शहर ऐसा था जहा भीषण गमी में भी कभी पेयजल संकट नही रहा, लेकिन वर्तमान परिषद की अनुभवहीनता के कारण शहर में सभी जगह पीने के शुद्ध पानी को लेकर जद्दोजहद कर रहे है। लोगो का कहना है कि आजादी के बाद पहली बार इस वर्ष पानी के लिए इतनी भयंकर किल्लत का सामना करना पड़ा है। वहीं गरीब और निचली बस्त्यिों के लोग सार्वजनिक टंकियो पर कतार लगाए अपनी बारी का इंतजार करते घंटो गुजार रहे है। अनेक बस्तियों के लोगो को काफी दूसर से पानी लाना पड़ रहा है। कई जगह नपा अपने टैंकरो से पानी प्रदाय कर रहा है लेकिन शहर की आबादी और क्षैत्रफल के हिसाब से नाकाफी सिद्ध हो रहा है। इस बार नपा ने निजी टैंकरो का उपयोग नही किया है। नगर परिषद उन मोहल्लो में पानी के टैेंकर पहुंचा रही है जहां पहले से ही पानी की उचित की व्यवस्था है, लेकिन पेयजल संकट से जूझ रहे मोहल्लो पर नपा के जिम्मेदार कोई ध्यान नही दे रहे है।
*टैंकर विक्रेताओ की हुई चांदी, कर रहे मनमानी-*
शहर में पानी के लिए त्राहि मच रही है। शहर में अनेक निजी टेंकरो के माध्यम से लोग पानी की पूर्ति कर रहे है। इन टैंकर वालो की इन दिनो खूब चांदी हो गई है। पहले 250 रूपए में पूरा टैंकर मिलता था, जो अप्रैल खत्म होते-होते 400 रूपए हो गया और अब इन टैंकर वालो की इतनी मनमानी हो गई है कि प्रति टैंकर 500 या 600 रूपए ले रहे है। यही नही यह टैंकर संचालक पूरे नगर में कहीं भी 1 ड्रम या बर्तन नही भर रहे है, बल्कि पूरा टैंकर खाली करने की अड़ लगा रहे है। इससे निजी टैंकरो का अवैध कारोबार भी फल-फूल रहा है और नगर परिषद है कि सिर्फ वाहवाही लूट रही है। जिसके कारण लोग पानी के लिए इधर-उधर भटकते नजर आ रहे है। घंटो लंबी कतार में खड़े होने के बाद भी उन्हें एक डब्बा पानी मुश्किल से मिल पा रहा है।
*बढ़ रही है आपसी विवाद की खबरें-*
पानी की समस्या को लेकर कई जगह आपसी विवाद की खबरे भी इन दिनों रोजाना आ रही है। पानी भरने को लेकर आपसी गुटबाजी होकर मारपीट की नौबत बन रही है। बीती रात नगर के भोई मोहल्ले में टैंकर संचालको द्वारा पानी नही भरने पर रहवासी आक्रोशित हो गए और उन्होनें टैंकर वहीं रोक दिया आगे जाने नही दिया। इसके बाद टैंकर चालक ने जब तक सभी का पानी नही भरा तब तक वह वहां से नही जा पाया। रहवासियो का कहना है कि पहली बार ही ऐसा देखने में आया है कि जो ट्यूबवेल हमेशा जीवित रहते थे वह भी इस बार साथ छोड़ गए।
*कई मोहल्लो में परेशान रहवासी, नपं नही दे रही ध्यान-*
नगर के कई मोहल्ले ऐसे है जहां पानी की समस्या विकराल रूप लेती नजर आ रही है। कोई निजी टैंकरो से ज्यादा दाम में भी पानी लेकर पानी की पूर्ति कर रहा है तो कोई दूर-दूर स्थित टंकियो से ठेलो से पानी ठो रहे है। नगर के राजापुरा, तलावपाड़ा, राममोहल्ला, भगतसिंह मार्ग, नई बस्ती, वडलीपाड़ा आदि मोहल्ले ऐसे है जहां पानी की समस्या दिन ब दिन बढ़ती जा रही है और नगर परिषद है कि जहां पानी की समस्या नही है वहां भरपूर पानी देती नजर आ रही है। नगर परिषद नगरवासीयो के साथ छलावा कर रही है। गरीब निचली बस्तियो में पानी के इंतजाम नही किए जा रहे है। हालात यह है कि जिन बच्चो के हाथों में खिलौने और किताबे हाना चाहिए, वह बच्चे भीषण गर्मी और तपती धूप में अपनी मां के साथ पानी के बर्तन भरे हाथठेलो को खिंचते और धक्का लगाते देखे जा सकते है। पानी भरने का यह सिलसिला सुबह से लेकर देर रात तक जारी रहता है।
*महिलाएं पहुंची नपं, किया हंगामा-*
आज गुरूवार को पानी की समस्या के लिए नगर के राममोहल्ले और तलावपाड़ा की महिलाएं नपं पहुंची और हंगामा किया। उनका कहना था कि जो पानी की टंकियो पर एक सदस्य द्वारा 10-10 बर्तन भरे जा रहे है, जिससे सभी रहवासी पानी नही भर पाते है। उनका कहना था कि उन्हें जल्द टैंकर के माध्यम से पानी दिया जाए। जिससे रहवासियो को पानी की समस्या से जूझना नही पड़े।
*सेठ के राज में यह हाल तो नही थे-*
इन हालातो से खासे परेशान चल रहे नगरवासियो को अब सेठ के दिन याद आने लगे है। उनका कहना है कि सेठ के राज में यह हाल तो नही थे, जो आज मोटा के राज में हो रहे है। लोगो का कहना है कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो वो दिन दूर नही जब यह परिषद डाबाडोल हो जाए, क्योकि सेठ के राज में जितने भी निर्माण कार्य हुए लेकिन गुणवत्तापूर्ण हुए, लेकिन अब जो हो रहा है जिससे कहीं ना कही लगता है कि नगर की जनता त्रस्त है और जनप्रतिनिधि मस्त और प्रशासनिक अधिकारी सुस्त दिखाइ दे रहे है।
सीएमओ बोले-संभवत: दो दिन में शुरू हो जाएगी नलो में पानी की सप्लाय-
सीएमओ रूपकिशोर कुलश्रेष्ठ ने चर्चा मे बताया हमारे द्वारा माही की पाईप लाईन से छापरापाड़ा पाइंट से पाईप लाईन डालने का काम किया जा रहा है। जो लगभग पूर्ण होने वाला है। इसके बाद यहां से पानी कुएं में डाला जाएगा, कुएं से पानी चोर बोराली फिल्टर प्लांट तक लाया जाएगा। इसके बाद नगर की टंकिया भरी जाएगी। संभवत: नगर में दो दिन में सभी वार्डो में नलो में पानी की सप्लाय शुरू हो जाएगी।
*सोशल मीडिया पर विरोध के बाद रेस्ट हाऊस पहुंचे विधायक-*
पेटलावद नगर में पानी की भयंकर किल्लत हो रही थी और क्षैत्र के विधायक वालसिह मैडा गायब थे। इसके बाद सोशल मीडिया पर उनका भी विरोध हुआ। आखिर विधानसभा चुनाव में उन पर जीत का सेहरा बंधाने में नगरवासियो ने भी अहम भूमिका निभाई थी, लेकिन अब जब वे मुश्किल में है तो विधायक का कोई अता-पता नही था। जब सोशल मीडिया पर विरोध के स्वर उठने लगे तो विधायक मैड़ा रेस्ट हाऊस पहुंचे और सीएमओ और पीएचई के सब इंजिनियर बामनिया से मुलाकात की और पानी की परेशानीयों को दुरूस्त करने की सलाह दी।