दशामाता पर्व आस्था व विश्वास पर भारी प्रशासनिक लापरवाही, शांति समिति बैठक व्यवस्था या छलावा

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भूपेन्द्र बरमंडलिया, मेघनगर
त्योहार के मद्देनजर हर बार थाना परिसर में एसडीएम तहसीलदार मुख्य नगरपालिका अधिकारी थाना प्रभारी एसडीओपी की उपस्थिति में बैठक आयोजित की जाती। किन्तु बैठक सिर्फ औपचारिकता ही रस्म अदायगी उस वक्त लगती है। जब बैठक के लिए निर्णयए सुझावए मत एचाय कि चुस्कियों के बाद ही असर छोड़ते प्रतीत होते हैं।
होली के पूर्व भी ऐसे ही बैठक त्यौहार व कोरोना के बढ़ते प्रभाव के मद्देनजर एसडीओपी गवली एसडीएम गर्ग नगर परिषद अधिकारी विकास डावर व थाना प्रभारी चौहान सहित स्थानीय प्रशासनिक अमले रोटरी क्लब एवं समाजसेवियों व पत्रकारों के बीच संपन्न हुई।
बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया था कि दशा माता के दिन दशहरा मैदान पर अल सुबह से देर शाम तक पूजन स्थल होने की वजह से आवागमन दो पहिया चार पहिया वाहन को बंद रखा जाए। साथ ही स्थानीय नगरी परिषद द्वारा शीतल पेयजल की उचित व्यवस्था सभी पूजन करने वाली श्रद्धालु महिला के लिए की जाए।किंतु ना तो ट्रैफिक जवान यहा आए न नगरीय परिषद का अमला नतीजन पानी भी महिलाओं को स्वयं के निजी खर्च पर खरीदकर पीना पड़ा। पूजन स्थल पर प्रशासनिक चूक का परिणाम यह रहा कि चार पहिया वाहन तेज गति से दौड़ते रहे जबकि ट्राफिक व्यवस्था में 3 महिला पुलिसकर्मीए एक सूबेदार एवं एक एएसआई व थाने पर दो महिला आरक्षक तैनात है फिर भी अवस्था आम बात हो गई है।
अब एस डी एम के आदेश की हवा निकली
सुझाव विचार और निर्णय पर जब धरातल पर अमल ना हो तो फिर ऐसी बैठक व्यवस्था है या फिर छलावा पर सवाल उठना लाजमी है। आस्था विश्वास के पर्व दशामाता पर नारी शक्ति यातायात अव्यवस्था और पेयजल की समस्या से जूझती हुइ, जहां तपती गर्मी में भी पूजा को अंजाम देती रही, तो निर्णय के बावजूद प्रशासनिक अमला तमाशबीन बना रहा।