नेशनल हाईवे पर पांच का नाका घाट पर सैकड़ों मौतों के बाद भी नहीं सुध ले रहा है शासन प्रशासन

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भूपेंद्रसिंह नायक, पिटोल

पिटोल से चार किमी दूर बेतूल अहमदाबाद नेशनल हाईवे 47 पर बावड़ी फाटा और पांच नाका घाट अब अनगिनत मौतों की पहचान बन गया है जैसे कई जगह पर्यटन स्थलों में सेल्फी प्वाइंट होते हैं। उसी प्रकार नेशनल हाईवे पर पांच सौ मीटर का टू लेन रोड अब बावड़ी फाटा से पांच का नाका में अनगिनत काल कल वित मौतों का पॉइंट बन गया है रोड निर्माण से अभी तक करीब 70 से ज्यादा मौतें हो गई है परंतु पांच सौ मीटर का टू लेन रोड को फोरलेन में परिवर्तित करने के लिए सत्तासीन नेता और प्रशासन ने कोई जहमत नहीं उठाई। इसका परिणाम यह है कि हर एक.दो दिन में या तो एक मौत हो जाती है या फिर दुर्घटना के बाद लोग गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं इसी कड़ी में कुछ दिन पूर्व दिलीप पिता जवान सिंह गुंडिया निवासी पिटोल छोटी उम्र 25 वर्ष काल के गाल में समा गया घर से एक किलोमीटर दूर बावड़ी फाटे पर टू लेन से फोरलेन पर चढ़ते ही दो बाईकों में जबरदस्त टक्कर होने से दिलीप की मौके पर ही मौत हो गई और दूसरी बाइक पर सवार दंपत्ति मौत और जीवन के बीच में संघर्ष करते हुए एक की मौत हो गई। यह हादसा लोगों के जेहन से निकला ही नहीं था की सात तारीख की शाम 6.30 बजे एलपीजी गैस से भरा टैंकर जो गुजरात से जबलपुर जा रहा था पलट गया गनीमत है कि उसमें कोई जनहानि नहीं हुई परंतु दूसरे दिन 8 तारीख को एक अर्टिगा कार एवं तूफान में दोपहर 3.30 बजे आमने सामने भिड़ंत हो गई। अर्टिका कार वाला झाबुआ तरफ से गुजरात जा रहे थे जबकि तूफान गाड़ी वाला अपने नवजात शिशु को लेकर दाहोद गुजरात से अपने घर बाटिया बयड़ी जा रहा था आमने सामने टक्कर होने से तूफान में बैठे चार लोगों को चोट आई। वहीं आर्टिका में बैठे दो लोगों को चोट लगी अभी आदिवासी समाज में नवाई करने के लिए पलायन से वापस घर आए हुए हैं और नवाई करने के लिए अपने रिश्ते दारो के यहां आवागमन करते हैं। इस वजह से भी इस वक्त ज्यादा दुर्घटनाएं हो नेकी संभावना है। अगर अभी भी शासन प्रशासन इस टू लेन रोड की सुध नहीं लेता है तो और ना जाने कितनी मौतों का आंकड़ा इसी जगह पर बढ़ जाएगा।

झाबुआ सांसद गुमान सिंह डामोर ने लोकसभा में उठाया था यह मुद्दा

लोकसभा के प्रथम सत्र में रतलाम झाबुआ अलीराजपुर के सांसद गुमान सिंह डामोर ने नेशनल हाईवे 47 पर अनगिनत हादसों एवं रोड के किनारे सुरक्षा के उपाय तथा अधूरे निर्मित रोड जो दुर्घटनाओं का यह मुद्दा संसद में लोकसभा अध्यक्ष के समक्ष उठाया था परंतु अभी तक धूलेट मछलिया फुलमाल एवं बावड़ी फाटा का रोड निर्माण चालू नहीं हुआ। शायद केंद्र सरकार 10 वर्षों से इंदौर अहमदाबाद रोड को पूर्ण नहीं करा पा रही है जबकि अभी फिर से केंद्र में दोबारा भाजपा सरकार है एवं झाबुआ सांसद गुमान सिंह डामोर भी भाजपा से ही प्रतिनिधित्व कर रहे हैं पहले तो प्रदेश एवं केंद्र दोनों में भाजपा की सरकार थी तब भी है रोड नहीं बन पाया और अब मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार है और केंद्र में भाजपा सरकार तो क्या यह मान लिया जाए तेरा रोड राजनीति के कारण अधूरा ही रहेगा।

फॉरेस्ट विभाग की अनुमति मिल जाने के बाद भी नहीं बन पा रहा यह रोड

रोड निर्माण के वक्त जब मीडिया के लोग एवं सामाजिक प्रतिष्ठित व्यक्ति ठेकेदार एवं नेशनल रोड अथॉरिटी के जिम्मेदार लोगों से इस अधूरे रोड के बारे में सवाल करते थे, तब वह एक ही बात कहते थे की फॉरेस्ट विभाग से अनुमति प्राप्त नहीं होने के कारण रोड निर्माण नहीं बन कर कर पा रहे हैं परंतु झाबुआ फॉरेस्ट विभाग के एसडीओ संतोष कुमार रन सोरे बताया कि फॉरेस्ट विभाग की जहां भी रोड अधूरा है वहां के लिए एनओसी काफी समय पहले से ही जारी कर दी गई है अब सवाल यह है कि क्यों आंखें नेशनल हाईवे रोड अथॉरिटी यह रोड नहीं बना रहा है। इसी जगह पर अत्यधिक मौतों के कारण आम राहगीर लोग डरने लगे हैं।

इसी जगह पर अत्यधिक मौतों के कारण आम राहगीर लोग डरने लगे हैं
6 माह में इसी टूलेन के रोड पर 12 से अधिक मौत एवं दुर्घटनाएं होने से पिटोल एवं आसपास के लोग जो लोग रोड से निकलते हैं उनके साथ कोई अनहोनी ना हो जाए ऐसे संकित भावना से इस रोड पर गुजरने से डरने लगे हैं क्योंकि नए अनजान राहगीरों को तो यह मौत की जगह पता नहीं है पर झाबुआ पिटोल मेघनगर से रोज आवागमन करने वाले राहगीरों को मौत का खौफ बैठ गया है।

नहीं लगे हैं रोड किनारे संकेतक

6 माह में इसी टूलेन के रोड पर 12 से अधिक मौत एवं दुर्घटनाएं होने से पिटोल एवं आसपास के लोग जो लोग रोड से निकलते हैं। उनके साथ कोई अनहोनी ना हो जाए ऐसे संकित भावना से इस रोड पर गुजरने से डरने लगे हैं क्योंकि नए अनजान राहगीरों को तो यह मौत की जगह पता नहीं है पर झाबुआ, पिटोल, मेघनगर से रोज आवागमन करने वाले राहगीरों को मौत का खौफ बैठ गया है
पिटोल से 2 किलोमीटर दूर गुजरात बॉर्डर के पास इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट पर गुजरात से मध्य प्रदेश की और आने वाले हर वाहन के लिए रोड के किनारे बड़े-बड़े संकेतक लगाना चाहिए कि आगे रोड टूलेन रोड है आप सावधानी से चलिए संकेतक नहीं होने से चार पहिया वाहन तेज गति से आते हैं और दुर्घटनाओं का शिकार हो जाते हैं अगर यह संकेतक दुर्घटनास्थल से 500 मीटर पहले ही लगा दे तो दुर्घटनाओं में कुछ कमी आ सकती है।

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