यह नगर परिषद गजब है; 2 साल हुए गठन को और बदल गए 4 सीएमओ …

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सलमान शैख़@ पेटलावद

नगर परिषद पेटलावद में सबकुछ डाबाडोल चल रहा है, यू कहें कि यहां जो भी हो रहा है और जो होता है वह न तो किसी अधिकारी के समझ में आता है और न ही किसी कर्मचारी के। यही वजह है कि वर्तमान नगर परिषद कार्यकाल में 4 सीएमओ अब तक बदले जा चुके है। अब पांचवे सीएमओ के रूप में धार से लालसिंह राठौर को पेटलावद नपं का नया सीएमओ बनाया गया है। बार-बार सीएमओ बदलने से न केवल आम जनता से जुड़े महत्वपूर्ण कार्य प्रभावित हो रहे है अपितु परिषद के भीतर की व्यवस्था भी चरमराई हुई है।
उल्लैखनीय है कि यह परिषद शुरू से ही विवादित होने के कारण कोई भी सीमएओ यहां टिक नही पा रहे है। इन दिनो नगर परिषद राजनीतिक दांव-पेंच का अखाड़ा बना हुआ है। जनप्रतिनिधयो की संतुष्टि के लिए पूरे निकाय को विवाद में घेरा जा रहा है। स्थिति यह है कि कोई भी नया अधिकारी यहां रहना नही चाहता, क्योकि अंदर की बात को वह पूरी नही करना चाहते थे, अब यह अंदर की बात सबको पता है।
उपयंत्री का तबादला सवालो के घेरे-
पिछले दिनो अचानक उपयंत्री राकेश बैनल का यहां से ट्रांसफर हो जाना और अगले ही दिन रिलीव भी कर दिया जाना सवालो के घेरे में आया था। पूरे नगर में उभरे जलसंकट में जितनी मेहतन मशक्कत उस उपयंत्री ने की, वह शायद ही किसी के बस की बात होती, दिन-रात एक करकर नगर को पानी के संकट से उभारने के लिए अपना जी-जान लगा दिया और बदले में उन्हें मिला तो सिर्फ यहां से ट्रांसफर। सूत्रो के मुताबिक उनके इस ट्रांसफर की बड़ी वजह यह सामने आ रही है कि कोई न कोई ऐसे कार्र्य जो परिषद में बैठे जनप्रतिनिधि उनसे कराना चाहते है उन्होनें उसके लिए ना कह दिया। यही वजह रही कि फिर उन्हें यहां से जाना पड़ा।
सीएमओ रूपकिशोर कुलश्रैष्ठ भी नही रहना चाहते थे-
जलसंकट जैसी भयावह परिस्थिति में यहां पदस्थ हुए सीएमओ रूपकिशोर कुलश्रैष्ठ भी अंदर ही अंदर किसी न किसी बात को लेकर यहां से जाना चाहते थे और हुआ भी ऐसा ही आखिर में उनका भी ट्रांसफर यहां से हो गया और उनकी जगह अब धार में पदस्थ लालसिंह राठौर को नया सीएमओ बनाया गया है। इससे पहले अभी तक इस परिषद में प्रियंक पंड्या, सुरेशचंद्र त्रिवेदी, रामस्वरूप कुलश्रेष्ठ, संजय राठौर की पदस्थापना यहां हो चुकी है। ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या परिषद इन अधिकारियो से कुछ ऐसे कार्य तो नही कराना चाहती है जो जनता से जरूर जुड़े हो, लेकिन उसमें अपना हित साधा जा सके।
क्या हो रहा है कुछ समझ नही आ रहा-
पूर्व एल्डरमेन रह चुके जितेंद्र मेहता का कहना है कि परिषद में इन दिनो क्या हो रहा है यह कुछ समझ में नही आ रहा है। ऐसा लगता है कि पेटलावद नगर परिषद कांग्रेस के ट्रांसफर उद्योग की खदान बन गई है।
यहां सब रामभरोसे-
सामाजिक कार्यकर्ता गौतम गेहलोत का कहना है कि परिषद में इस समय सबकुछ रामभरोसे चल रहा है। कोई भी व्यक्ति किसी कार्य को लेकर जाता है तो परिषद में यही जवाब मिलता है कि नए सीएमओ साहब आएंगे तो ही आगे की कार्यवाही होगी।