मौसम की बेरूखी: रहम करो इंद्रदेव… अब तो राहत का अमृत बरसाओ…कल पूरा नगर मनाएगा इन्द्रदेवता को..

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सलमान शैख़@ पेटलावद
प्री-मानसून के बाद मानसून मानो रुठ ही गया है…. बारिश नहीं होने से गर्मी से भी हाल बेहाल है…किसान भी भारी नुकसान झेल रहा है। अब तो रहम करो इंद्रदेव… कम से कम अब तो राहत का अमृत बरसाओ। बारिश के लिए यह प्रार्थना इन दिनों हर शहरवासी कर रहा है।

सावन का महीना बारिश के लिए जाना जाता हैै, लेकिन सावन के 4 दिन (17 जुलाई को शुरू हुआ था) गुजर गए है, लेकिन अंचल में कहीं भी बारिश नही हुई है। जिससे किसानो को अब चिंता होने लगी है, क्योकिं उनको खेतों में फसलो के लिए बरसात का इंतजार है। जून महीने के तीसरे सप्ताह में मानूसन ने झमाझाम बारिश के साथ अंचल में दस्तक दी थी। इसके बाद जुलाई माह की शुरुआती सप्ताह में बारिश हुई थी, उसके बाद यह महीना आधा बीत गया, लेकिन बारिश के कोई अते-पते नही है। बारिश का दौर पूरी तरह से थमा हुआ है। हालांकि अब जगह-जगह लोग इंद्रदेव को मनाने के लिए उज्जैनी मनाने की योजना बना रहे है। लोगो की कामना को इंद्रदेव ने कब स्वीकार करते है यह तो कोई नही जानता। फिलहाल अभी दो दिन से वातावरण में बहुत उमस हो रही है, जिससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि जल्द ही अंचल में मानसून मेहरबान होगा और फसलो को राहत मिलेगी।
तापमान बढ़ा, लोग फिर हुए गर्मी से हलाकान-
इधर..शनिवार को भी सुबह साढ़े 5 बजे थोड़ी देर नगर में बारिश हुई, लेकिन फिर दिनभर उमसभरी गर्मी ने नगरवासियो को पसीना-पसीना कर दिया। तापमान में बढ़ोतरी होने से लोग गर्मी व उमस से परेशान हो रहे है। खेतो में फसलो को पानी की दरकार है। किसान हल आदि चलाकर खरपतवार दूर कर रहे है। बारिश नही होने से मौसम में एक बार फिर गर्मी ने आमद दर्ज करा दी है। स्थिति यह है कि लोग इस उमस भरी गर्मी से बेहाल नजर आ रहे हैं। हालात यह है कि इस उमसभरी गर्मी के कारण लोग बीमार होने लगे है। स्थानीय लोगो का कहना है कि गर्मी से राहत अब सिर्फ बारिश होने पर ही मिलेगी।
कल पूरा नगर मनाएगा उजमनि:
इंद्रदेव को प्रसन्न करने के लिए नगरवासियों ने कल रविवार को उज्जैनी मनाने का निर्णय लिया है। व्यापारी सहित आम नागरिक भी उज्जैनी मनाकर रुठे इंद्र को मनाएंगे। शहर के हर व्यक्ति को उज्जैनी मनाने के प्रेरित करने के लिए नगर में एलाउंस के माध्यम से उज्जैनी मनाने का अनुरोध किया। मंदिरों में अच्छी बरसात के लिए पूजा-अर्चना की जाएगी। इसके बाद सभी खेत-खलिहानों व आसपास के क्षेत्र में भोजन बना कर उजमनी (उज्जैनी) मनाएंगे।