महिला स्वीपर को नहीं मिला दस माह से वेतन, घिरी आर्थिक संकट

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झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
वन कन्या आश्रम पेटलावद में कार्यरत अंशकालीन महिला स्वीपर को पिछले 10 माह से वेतन नहीं दिया जा रहा है. महिला द्वारा इसकी शिकायत जनसुनवाई में कलेक्टर को भी की गई। जिले से सहायक आयुक्त ने निर्देश भी दिए किंतु आज तक भुगतान नहीं हुआ।
दूसरी ओर प्राचार्य का कहना है कि नियमित रूप से काम पर नहीं आते है। सफाई मे परेशानी आती है वेतन दिया जा रहा है। नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है। महिला ने आरोप लगाया है कि प्राचार्य और लेखापाल मिलीभगत कर मेरा वेतन रोक रहे है जबकि जिले से आदेश दिया जा चुका है। महिला का कहना है कि मेरे पति ने इनके द्वारा की जा रही अवैध नियुक्तियों की शिकायत मुख्यमंत्री हेल्पलाईन में की इस कारण मेरा वेतन रोका गया है। महिला गंगाबाई का आरोप है कि प्राचार्य और लेखापाल ने मिलकर लेखापाल की पत्नी, बहन और लड़कियों को अवैधर तरीके से नियम के खिलाफ बिना किसी चयन प्रक्रिया के रसोयन, वाटरमैन और स्वीपर के पद पर नियुक्ति की है। महिला का कहना है कि वेतन नहीं मिलने से मेरे परिवार का पालन पोषण करने में परेशानी आ रही है यदि जल्द ही सुनवाई नहीं होती है तो मुख्यमंत्री से शिकायत की जाएगी। इस संबंध में प्राचार्य योगेंद्र प्रसाद से चर्चा की गई तो उनका कहना है कि हमारे द्वारा कोई वेतन नहीं रोका गया है। यह नियमित रूप से काम पर नहीं आते है जिस कारण से बिल पूरे नहीं बन पा रहे है. आश्रम में बच्चियां रहती है,नियमित सफाई की आवश्यकता होती है। नियमित काम करने का कहा जाता है। इसलिए शिकायत करते है. नियमानुसार जो भी वेतन बनता है दो दिन में भुगतान हो जाएगा।