पुलिस अवैध धंधेबाजो पर कर रही कार्रवाई; आबकारी उदासीन, ऐसा क्यो..?

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सलमान शेख@ पेटलावद
बीती रात पेटलावद पुलिस ने अवैध शराब विक्रय कर रहे एक ढाबे पर दबीश दी, जहां से उन्हें अवैध शराब भी बरामद हुई। इस कार्रवाई से शराब माफियाओ में हडक़ंप है। वहीं दूसरी ओर बड़ा सवाल यह है कि पुलिस अपनी ओर से हर बार छापामार कार्रवाई करती है, लेकिन आबकारी विभाग इस ओर उदासीन बना हुआ है, ऐसा क्यो हो रहा है..? यही वजह है कि इन दिनो नगर में अवैध शराब बेचने का धंध जोरो पर नजर आ रहा है। गली-मोहल्लो में तो ठीक नगर के मुख्य चौराहे श्रद्धांजली चौक पर यह धंधा खूब फल-फूल रहा है। बावजूद इसके आबकारी विभाग उदासिन बना हुआ है। कार्रवाई के नाम पर केवल कागजी खानापूर्ति की जाती है। यहीं नही यहां पुलिस जवान भी तैनात रहते है, लेकिन उनकी आंखो के सामने सबकुछ बिना डर के बेखोफ धंधा चला रहे है।
स्कूल-मंदिर और आबादी के करीब शराब दुकान-
नगर में जो देशी-विदेशी शराब दुकान हैं जो अन्य नीति निर्देशों का उल्लंघन करते हुए नजर आ रही हैं। रूपगढ़ मार्ग पर देशी-विदेशी शराब दुकान स्थित है। यहां बमुश्किल 30 मीटर दूर एक प्राइमरी स्कूल, एक पुराना मंदिर, शासकीय कार्यालय और दो रिहाइश कॉलोनी है। इसके बावजूद यहां शराब दुकान पिछले कई वर्षों से संचालित हो रही है। इसके अलावा सडक़ के किनारे चोरी-छिपे लगने वाली अवैध शराब दुकानों की तो जैसे कोई गिनती ही नहीं है। नगर में अवैध शराब के दर्जनों अड्डे हैं। बताया जाता है कि शराब व्यापारी ही अपनी बिक्री बढ़ाने के लिए इस तरह की अवैध शराब दुकानों को बढ़ावा देते हैं।
बढ़ता जा रहा शराब का अवैध कारोबार, लेकिन कोई ठोस कार्यवाही नही-
सूत्रों के मुताबिक शराब जैसे-जैसे मंहगी होती जा रही है, वैसे-वैसे शहरों की गरीब बस्तियों में कच्ची शराब की भट्टिया भी बढ़ती जा रही हैं। अवैध शराब के कारोबार को खुली छूट मिली हुई है। कभी-कभी छापे भी पड़ते हैं, लेकिन जहरीली शराब बनाने वाले और बेचने वाले पकड़े नहीं जाते। पकड़े जाने पर रिश्वत देकर छूट जाते हैं और नए सिरे से यह धंधा किसी दूसरे इलाके में शुरू कर देते हैं। ऐसा धंधा करने वालों को राजनीतिक संरक्षण भी मिला हुआ है।
नगर में ऐसे लोग भी मौजूद हैं, जिनका मानना है कि इस सामाजिक बुराई पर अंकुश लगाने के लिए सरकार कोई कारगर रणनीति बनाए। शराब की दुकानों के लाइसेंस रद्द होने चाहिए। सरकार को ऐसा करने से राजस्व में भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। इसलिए सुझाव दिया जा रहा है कि इस घाटे को पूरा करने के लिए राजस्व के अलग-अलग स्रोत ढूंढने चाहिए। वर्ना इस सामाजिक बुराई का खात्मा कभी नहीं होने वाला और लोग अपनी जान गंवाते रहेंगे।
अफसरों की सांठगांठ से खूब फल फूल रहा अवैध शराब का धंधा-
सूत्रों के मुताबिक पूरे क्षेत्र में नकली व अवैध शराब का धंधा तेजी से बढ़ा है। होटलों का धंधा बढ़ा नयी व्यवस्था से स्टेट हाइवे पर थांदला रोड़, बदनावर रोड़ में यह धंधा तेजी से बढ़ा है। इन सडक़ों के किनारे स्थित कई ढाबों में अवैध शराब की बिक्री तेजी से होने लगी है। खासकर शहरी इलाके से सटे ढाबों में धंधा ने ज्यादा जोर पकड़ा। शराब नहीं मिलने की वजह से लोग ढाबे पर पहुंच जाते है और शाम होते ही ढाबों में भीड़ लगती है। इन ढाबों में पहले भी शराब मिलती थी, लेकिन अब तो धंधा दोगुना-तीगुना हो गया है।
हम कार्रवाई करते है-
इस संबंध में टीआई दिनेश शर्मा ने चर्चा में बताया उनके ज्वानिंग के बाद पुलिस ने समय-समय पर कार्रवाई की और अवैध कार्य में लिप्त माफियाओ को पकडऩे में सफलता हासिल की है। पुलिस की यह कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी। अवैध धंधा करने वालो को बख्शा नही जाएगा।
टीम बनाकर करेंगे कार्रवाई-
इस संबंध में आबकारी उपनिरीक्षक योगेश दामा से चर्चा की तो उन्होने बताया कि मैं अभी नया हूं, आपके द्वारा अवैध शराब विक्रय का मामला संज्ञान में लाया गया है, जल्द ही टीम बनाकर कार्रवाई की जाएगी।