अंधेर नगरी चौपट राजाः नपं की दोहरी नीति, भ्रष्टाचार की भेंट चढ़े बालोद्यान पर अब दुकानें बनाने की तैयारी..

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सलमान शैख@ झाबुआ Live

हिंदी में बहुत पुरानी कहावत है- हाथी के दांत, खाने के और दिखाने के और…यह कहावत मोटे तौर पर उन लोगो का मुखौटा उतारने के लिए बनी थी, जो कहते या दिखाते कुछ और उनकी असलियत कुछ और होती है।
जी हां, यह कहावत इन दिनों पेटलावद नगर परिषद के जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों के उपर चरितार्थ होती दिख रही है, जो नगर की आम जनता को दिखाते कुछ है और करते कुछ हैं। पिछले 17 वर्षो से अधूरे पड़े बालोद्यान को ही ले लीजिए, इस पर अब नपं ने दोहरी चाल चली है। नगर के बच्चे तथा अभिभावक पिछले 17 वर्षो से सुंदर बालोद्यान का सपना देख रहे हैं, लेकिन उनका यह सपना पूरा ही नहीं हो रहा है। आरोप है कि यह भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुका है और अब वर्तमान में काबिज भाजपा की नगर परिषद और अध्यक्ष अपने काले कारनामों को दबाने के लिए इस बालोद्यान पर दुकानें बनानें की तैयारी में है। इसे लेकर विज्ञप्ति का प्रकाशन भी नपं द्वारा किया जा चुका है, लेकिन नपं की इस दोहरी नीति पर पूरे नगर में विरोध के स्वर उठने लगे है और उठना भी चाहिए, आखिर 17 वर्षो नोनिहाल नगर में एक बालोद्यान का सपना संजोए जो बैठे थे और उनके सपने पर इस तरह से अगर नगर के जिम्मेदार जनप्रतिनिधि ही पानी फेरेंगे तो सवाल उठना लाजमी हैं। सवाल सिस्टम में बैठे उन अधिकारियों पर भी खड़े हो रहे है, जो इतना सबकुछ होने के बाद भी खामोशी अख्तियार करे बैठे है।
पहले पूरे मामले को विस्तृत से जानिए-
दरअसल, नपं ने गत 12 जनवरी को आयोजित बैठक में एक प्रस्ताव पारित किया था, जिसमें अधूरे पड़े बालोद्यान को पूरा करने की तो नही, अपितु इस भूमि पर दुकानों का निर्माण कराए जाने पर मुहर लगी थी। तभी से ही यह मामला गर्माया हुआ था और दुकानें बनाने को लेकर विरोध हो रहा था, लेकिन नपं ने हद तो तब पार कर दी, जब दुकान निर्माण को लेकर नपं ने विज्ञप्ति का प्रकाशन कर दिया। नपं के जनप्रतिनिधियों ने आपसी सांठगांठ से इस बालोद्यान में लगे झूले-चकरियों को रिपेयर कराने के बहाने यहां से हटवा दिया।
3 नपं बदली, लेकिन बालोद्यान की सूरत नही बदली-
विडंबना यह है कि 39.70 लाख रुपए खर्च हो जाने के बाद भी बालोद्यान अधूरा रहा। लाखों के उपकरण जंग खा गए। अंत मे इन्हे यंहा हटा दिया गया। 17 वर्ष पूर्व तत्कालीन परिषद द्वारा बालोद्यान के लिए शासन से 40 लाख रुपए की मांग की गई थी। शासन ने प्रोजेक्ट को मंजूरी भी दे दी थी। इसमें 25 लाख के उपकरण और 10 लाख का निर्माण होना था। इंदौर की एक एजेंसी को 52 रुपए प्रति वर्गफीट के अनुसार कार्य सौंपा गया, लेकिन 40 लाख में से 39.70 लाख का भुगतान कर देने के बाद भी 17 साल बाद उद्यान अधूरा है। यह भ्रष्टाचार का कार्य वर्तमान में नपं अध्यक्ष मनोहरलाल भटेवरा और उनकी पत्नि के कार्यकाल में ही हुआ था, यही वजह रही थी कि गत नपं चुनाव के 6 माह पहले उन्हें चुनाव से अयोग्य घोषित कर दिया था, हालांकि मनोहरलाल भटेवरा की किस्मत अच्छी थी कि 6 माह बाद चुनाव हुए और भाजपा ने फिर इस भ्रष्टाचारी को टिकट दे दिया और सिंबोल के सहारे फिर से नपं में अध्यक्ष की कुर्सी पर यह काबिज हो गया और नपं और नगर का हाल साढ़े 4 सालों में वैसा ही हो गया जैसा 17 वर्ष पहले था। मतलब साफ है कि इनके अध्यक्ष बनते ही पेटलावद 17 वर्ष पीछे चला गया। बालोद्यान के अधूरे होने के साथ ही 17 वर्ष में तीन परिषद बदली है, लेकिन किसी भी परिषद ने बालोद्यान बनाने की दिशा में कोई निर्णय पारित नहीं किया और न ही कोई प्रयास किए गए। इस कारण से पेटलावद जैसा बड़ा नगर आज भी बालोद्यान के लिए तरस रहा है।
भ्रष्टाचार की जांच आज भी पेंडीग-
विभागीय सूत्रों की माने तो इस बगीचे एवं दुकान निर्माण के भ्रष्टाचार को लेकर भोपाल एवं इंदौर स्थित वरिष्ठ कार्यालयों में तथा लोकायुक्त कार्यालय आदि में जांच भी आज तक जारी है जिसका सारा रिकॉर्ड भी इन्हीं कार्यालयों में होना बताया जाता है। लगभग 8 माह पूर्व पेटलावद नगर परिषद के द्वारा इस बगीचे मैं लगे झूले चकरी और सामान को हटाने का प्रयास किया गया साथ ही नगर परिषद के वर्तमान अध्यक्ष मनोहर भटेवरा स्वयं एवं अपनी पत्नी के ऊपर लगे हुए पुराने कार्यकाल के भ्रष्टाचार के आरोपों को छिपाने के उद्देश्य से तहसील कार्यालय के सामने बने हुए बगीचे में झूला चकरी को रखकर मामले को रफा-दफा करने का एक पूर्व नियोजित योजना भी बनाई गई थी। जो अब नपं अध्यक्ष अपना कार्याकाल समाप्त होने के कुछ माह पहले पूरा करना चाहते है।
गुमराह करने का प्रयास-
दबे छुपे तरीके से नगर परिषद के द्वारा आमजन को मालूम ना पड़े इस प्रकार से विज्ञप्ति प्रकाशित करते हुए विज्ञप्ति में भी गोलमाल किया है। बता दे कि यह बालोद्यान सिविल अस्पताल के समीप है और राजस्व के शासकीय नंबर में स्थित होकर वार्ड क्रमांक 5 के अधीन आता है, लेकिन विज्ञप्ति में वार्ड क्रमांक 01 में बताते हुए विज्ञप्ति जारी की गई है और बगीचे में दुकान बनाने की अपनी योजना को अमलीजामा पहनाने का प्रयास किया जा रहा है।
जनता की भी सुनिए-
अनशन पर बैठुंगा-
नगर के सामाजिक कार्यकर्ता महेश व्यास का कहना है कि नपं के वर्तमान अध्यक्ष अपनी दोहरी नीति से आमजन के चेहरे पर पर्दा डालकर बालोद्यान की जमीन पर दुकानें बनाने की फिराक में है, लेकिन हम उनकी इस नापाक चाल को कामयाब नही होने देंगे। इस बालोद्यान को बचाने के लिए में अनशन पर बैठुंगा।
भाजपा राज में हमेशा भ्रष्टाचार हुए है-
शहर कांग्रेस अध्यक्ष और विधायक प्रतिनिधि जीवन ठाकुर का कहना है कि भाजपा राज में हमेशा भ्रष्टाचार हुए हैं। नगर के नन्हें बच्चों के लिए सालो पहले बनने वाला बालोद्यान आज तक अधूरा है और अब भाजपा समर्थित नगर परिषद यहां दुकानों के निर्माण कराकर फिर एक भ्रष्टाचार को अंजाम देने में लगी हुई है। कांग्रेस इस मामले को उच्च स्तर पर उठाएगी।

भ्रष्टाचार के आरोप झूठे-
नगर हित के लिए दुकानों निर्माण का प्रस्ताव पास किया है। भ्रष्टाचार के आरोप झुठे है

– नगर परिषद अध्यक्ष मनोहर भटेवरा।

सीएमओ का जवाब- मेरा स्वास्थ्य ठीक नही हैः
इस मामले में सीएमओं मनोज शर्मा का जवाब आया कि मेरा अभी स्वास्थ्य ठीक नही है, इस वजह से मामले में कुछ भी नही कह सकता हूं।