VIDEO NEWS: कांग्रेस में घमासान, एक पार्टी और दो जिला अध्यक्ष, कार्यकर्ता परेशान,माने किसका फरमान

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कांग्रेस और गुटबाजी एक दूसरे के पर्याय बनते जा रहे है। खासतौर पर मध्य प्रदेश में कांग्रेस का नाम बाद में आता है पहले गुटबाजी का जिक्र आता है। नित नए कलह और गुटबाजी फंस रही कांग्रेस पार्टी अलीराजपुर में अजीब मुसीबत में फंस गई है। यहां पार्टी के दो नेता खुद को अध्यक्ष बता रहे है और अपनी मर्जी से पार्टी के कामकाज का संचालन कर रहे है। इतना ही नहीं दोनों पंचायत चुनावों के लिए अलग-अलग बैठक कर रहे है। इस वजह से पार्टी के कार्यकर्ताओं को समझ नहीं आ रहा है कि वह किसे अपना अध्यक्ष माने और किसकी बात पर अमल करे।

जी हां पार्टी के भीतर कुछ ऐसे ही कलह के हालात बन गए है। दरअसल, यह हालात राधेश्याम माहेश्वरी के जिला अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की वजह से बने है। इसके बाद सरदार पटेल को प्रदेश कांग्रेस ने कांतिलाल भूरिया की अनुशंसा पर कार्यवाहक जिला अध्यक्ष मनोनीत किया था।

पटेल का यह मनोनयन बुधवार को हुआ था और गुरूवार को इस आशय का पत्र भी उन्हें मिल गया। हालांकि, पटेल दावा कर रहे है कि इस पत्र में उन्हें पू्र्णकालिक अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। वहीं विरोधी खेमे का कहना है कि जिस पत्र का हवाला दिया जा रहा है उसमें छेड़छाड़ की गई है। उनके मुताबिक इस पत्र में कार्यवाहक शब्द को हटाया गया है।

वहीं माहेश्वरी का दावा है कि उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं हुआ है, इस वजह से अभी अध्यक्ष वहीं है। वह अपने ही नेतृत्व में पार्टी को चुनाव जीताने का दम भर रहे है। वहीं पटेल का कहना है कि पंचायत चुनाव उनके नेतृत्व में लडा जा रहा है। उनके मुताबिक उन्हें पूर्व केन्द्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया का पूरा सहयोग मिल रहा है और उनकी मदद से वह पार्टी को पंचायत चुनाव में बड़ी विजय दिलाएंगे।

इतना ही नहीं यह दोनों नेता अपनी अलग-अलग पेनल तो बना ही रहे है साथ ही पंचायत चुनाव के लिए भी अपने स्तर पर बैठके कर रहे है। अध्यक्ष पद को लेकर पार्टी में चल रही गुटबाजी के खुलकर सामने आने से जहां बीजेपी को फायदा हो रहा है। वहीं कांग्रेस के जमीनी कार्यकर्ताओं को यह समझ में नहीं आ रहा है कि वह किसे अपना अध्यक्ष माने और किसकी बात पर अमल करे।

दरअसल, स्थानीय तौर पर लड़ी जा रही इस लड़ाई के मायने सीधे सिंधिया बनाम भूरिया गुट से जुड़े है। सरदार पटेल को भूरिया लॉबी का कट्टर समर्थक माना जाता है जबकि माहेश्वरी और एक अन्य नेता महेश पटेल सीधे सिंधिया से जुड़े है। इन दोनों बड़े नेताओं के अलीराजपुर में अपना परचम लहराने के लिए एक दूसरे को शह और मात देने में जुटे है जिसका सियासी बिसात पर फायदा बीजेपी को रहा है।