440 गांवों के 40 हजार परिवारों तक पहुंचेगा हलमा का न्योता

- Advertisement -

1झाबुआ लाइव के लिए झाबुआ से विपुल पांचाल की रिपोर्ट-
आज हम सबकी मुख्य चिंता का विषय “ग्लोबल वॉर्मिंग” है, विश्वभर में विद्वान इस समस्या का समाधान खोज रहे हैं, ऐसी स्थिति में जगभागीदारी की मिसाल ढूंढ़ी जा रही है। तब भील समाज की प्राचीन समय से प्रचलित एक परंपरा है “हलमा”। जनभागीदारी के माध्यम से हलमा पर्यावरण को संरक्षित एवं संवर्धित कर सकती है और ग्लोबल वार्मिंग जैसी वैश्विक समस्या के समाधान में “हलमा” जैसी परंपरा कारगर सिद्ध हो सकती है।
हलमा-
गांव में जब कोई व्यक्ति संकट में फंस जाता है और वह अपनी पूरी ताकत लगाने के बाद भी संकट से नहीं उबर पाता है, तब वह “हलमे” का आह्वान करता है और गांव के लोग मिलकर परमार्थ भाव से उसे संकट से उबार लेते हैं, हर व्यक्ति के मन में यह बात है कि आज धरती मां संकट में है। इसलिए प्यासी धरती मां की प्यास बुझाने झाबुआ के भील सपरिवार गेती-तगारी-फावड़ा लेकर 4-5 मार्च को जुटेंगे।
हलमा सिद्ध हो रहा-
शिवगंगा झाबुआ द्वारा पिछले कुछ वर्षों से से लगातार हलमे का आयोजन किया जा रहा है जिसके सुपरिणाम झाबुआ शहर में एवं अन्य आसपास के ग्रामीण इलाकों में देखने को मिल रहे हैं। हलमे से प्रेरणा लेकर 200 से अधिक गांवो में जल संवद्र्धन एवं वन संवद्र्धन का काम किया जा रहा है। अनेकों गांंवों में हलमा एक जन अभियान एक जल अभियान (आंदोलन) का रूप लेता जा रहा है।
महासंपर्क अभियान-
1 जनवरी 2017 से 15 जनवरी तक 440 गांवों के 40 हजार परिवारों में हलमे का नोतरा दिया जाएगा, इसके लिए झाबुआ-अलीराजपुर जिले के 11 विकासखंड बनाए हैं, 11 खंडों में 125 विहार बनाए गए हैं जिसमें 440 गांव शामिल हैं।
महासंपर्क अभियान को पूरा करने के लिए 29-30 दिसंबर को 1100 कार्यकर्ताओं का दो दिनी प्रशिक्षण शिविर कृषि उपज मंडी झाबुआ में रखा गया है। शिविर में परिवार से संपर्क नोतरा पंजीयन का प्रशिक्षण दिया जाएगा। महासंपर्क अभियान हेतु प्रत्येक गांव की टोली को साहित्य जिसमें पांच देवों के चित्र प्रवेशिका का बैग दिया जाएगा। 29-30 दिसंबर को 11 विकासखंडों से 11 कलर कोड (झंडे) बाइक के साथ कार्यकर्ता आएंगे। वहीं 29-30 दिसंबर को होने वाले कार्यकर्ता प्रशिक्षण शिविर में मुख्य अतिथि सिद्धगिर पीठ कोल्हापुर महाराष्ट्र के 49वें पीठाधीश्वर परम पूज्य अदृश्य काडसिद्धेश्वर स्वामी सिद्धगिरी मठ कणेरी कोल्हापुर महाराष्ट्र मौजूद रहेंगे।