10 दिन का कोरोना कफ्र्यू शुक्रवार शाम 6 बजे से शुरू : लॉकडाउन में कौन सी सेवाएं रहेगी बहाल व प्रतिबंध : जानिए इस खबर में

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विपुल पंचाल, झाबुआ
कोरोना वायरस के संक्रमण की तीव्रता को देखते हुए प्रशासन ने मैदानी स्तर पर महामारी की रोकथाम के लिए अपने स्तर पर जतन शुरू कर दिए हैं जिससे की कोरोना की गति व तीव्रता में आने वाले समय में कमी आए एवं स्वास्थ्य सेवाएं भी मरीजों को आसानी से उपलब्ध हो सके। जन सामान्य की सुरक्षा के लिए शुक्रवार 16 अप्रैल से 26 अप्रैल तक जिले में कोरोना कफ्र्यू के आदेश कलेक्टर सोमेश मिश्रा ने जारी किए हैं। कोरोना कफ्र्यू के दौरान जिले के संपूर्ण बाजार बंद रहेंगे।

कोरोना कफ्र्यू के दौरान यह सेवाएं रहेगी जारी-
– अन्य राजों एवं जिलों से माल तथा सेवाओं का आवागमन।
– केमिस्ट, किराना दुकान सिर्फ होम डिलेवरी के लिए, रेस्टोरेंट केवल टेक होम डिलिवरी के लिए, पेट्रोल पंप, बैंक, एटीएम व आईटी कंपनिया।
– सुबह 6 से सुबह 10 बजे तक दूध डेयरी, सांची पाइंट, घर घर जाकर दूध एवं आरओ वॉटर सप्लाई चालू रहेगी।
– फल सब्जी के ठेले इस प्रतिबंध से मुक्त रहेंगे।
– अस्पताल, नर्सिंग होम, मेडिकल इंश्यूरेंस कंपनीज, अन्य चिकित्सा सेवाएं।
– औद्योगिक इकाईयां में लगे मजदूर एवं कच्चा माल तैयार करने वाले अधिकारी-कर्मचारी का आवागमन।
-एम्बुलेंस, फायर बिग्रेड, टेली कम्यूनिकेशन, विद्युत प्रदाय, रसोई गैस सिलेंडर होम डिलिवरी सेवाएं ।
– सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानें।
-केन्द्र व राज्य सरकार एवं स्थानीय निकाय के अधिकारियों-कर्मचारियों व शासकीय कार्य के लिए किए जा रहे आवागमन।
– इलेक्ट्रिशियन, प्लम्बर, कारपेंटर आदि का आवागमन।
– कृषि संबंधी सेवाएं जैसे मंडी उर्पाजन केन्द्र, खाद, बीज, कीटनाशक दवाएं, हायरिंग सेंटर्स, कृषि यंत्र की दुकानें।
– अस्पताल, नर्सिंग होम और टीकाकरण हेतु आवागमन कर रहे नागरिक व कर्मचारी।
– फसलों के उपार्जन कार्य से जुड़े कर्मी उपार्जन स्थल पर किसान बंधु का आवागमन।
– बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट से आने-जाने वाले नागरिक।
– अखबार, वितरण, अधिमान्य पत्रकारगण
– होटल केवल इन रूम डायनिंग व्यवस्था के साथ।
– कोरोना कफ्र्यू के दौरान विवाह कार्यक्रम में आयोजन वर-वधू के दोनों पक्षों की कुल 50 सदस्यों की संख्या में आयोजित हो सकेंगे। विवाह समारोह की लिखित सूचना संबंधित क्षेत्र के एसडीएम को दिया जाना जरूरी होगा।
इस आदेश का उल्लंघन करने वाले पर भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 188 एवं राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 51 से 60 के तहत दंडनीय अपराध होगा।