राजनीतक हलचल जिला – झाबुआ

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 चंद्रभानसिंह भदौरिया@झाबुआ

भूरिया का नाम तय ; जमावट के बाद ओपचारिक एलान संभव

आगामी नंवबर महीने मे होने वाले झाबुआ विधानसभा सीट के उपचुनाव मे कांग्रेस की ओर से पूर्व सांसद कांतिलाल भूरिया का नाम लगभग तय हो गया है कांग्रेस अब अपनी राजनीतक ओर प्रशाशनिक जमावट के बाद उनके नाम का एलान करने पर विचार कर रही है सुत्र बताते है कि मुख्यमंत्री ओर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ खुद भूरिया के नाम पर सहमति जता चुके है ओर उपचुनाव के मद्देनजर भूरिया को तैयारियां करने का संकेत दे चुके है साथ ही प्रशाशन ओर प्रभारी मंत्री को भी इस आशय के इशारे मुख्यमंत्री की ओर से हो चुके है ।

जैवियर मैडा को मिलेगा निगम मंडल अध्यक्ष का पद !!
अब तक आपके मन मे सवाल आ चुका होगा कि अगर कांतिलाल भूरिया झाबुआ उपचुनाव मे कांग्रेस के उम्मीदवार होगे तो फिर जैवियर मैडा क्या करेगे ? तो हमारे पास जो भोपाल से खबर है उसके अनुसार जैवियर मैडा को किसी निगम का अध्यक्ष बनाकर महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जा सकती है अब यह बात अलग है जैवियर इसके लिए तैयार होते है या नही लेकिन हमारे सुत्र बताते है कि अभी भले जैवियर इस तरह के प्रस्ताव मिलने की खबरों को खारिज करे लेकिन शायद अंत मे मान सकते है ।

किसान कज॔ माफी ; बिजली बिलो मे करेंट ; कमजोर गव॔नेंस कांग्रेस की चिंता

भले ही कर्जमाफी को लेकर कांग्रेस के नेता ऊपरी मन से कुछ भी कहे लेकिन हकीकत यह है कि कांग्रेस के जिले के नेताओं मे इस बात की चिंता है कि आम ग्रामीणो मे कज॔माफी ठीक से ना होने से नाराजगी है ऊपर से बिजली के बिलो मे आया करंट लोगो का गुस्सा बढा सकता है इसलिऐ कांग्रेसी नेता अपनी सरकार के जिम्मेदारो से बात कर अभी से डैमेज कंट्रोल मे जुटे है ।

इस कन्यादान योजना की राशि का इंतजार

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने विगत महीने झाबुआ आकर 700 से ज्यादा जोडो की शादी करवाकर मुख्यमंत्री कन्यादान किया था लेकिन एक महीना गुजर जाने के बाद भी हितग्राही नवदंपतियों के खाते मे एक रुपया भी नहीं आया है जबकि कमलनाथ सरकार ने ₹ 51000 देने की बात कही थी ; रुपया तो नहीं आया लेकिन कमलनाथ जी एक बार फिर आ रहे है ।

कांग्रेस मे इतने जिलाध्यक्ष क्यो ?

कांग्रेस मे नाराज महत्वपूर्ण नेताओ को मनाने का एक मात्र झुनझुना है काय॔वाहक जिलाध्यक्ष बना देना ; पहले भी यह प्रयोग हुऐ है ओर कल एक बार फिर यह झुनझुना पोलिटिक्स अपनाई गयी । इस बार झुनझुना पकड़ने वाले है हेमचंद्र डामोर ओर रुपसिंह डामोर ; अब झुनझुना पकडते ही दोनो झाबुआ विधानसभा उपचुनाव की उम्मीदवारी की रेस से भी बाहर हो गये है ।

इधर बीजेपी कन्फ्यूज किसे बनाऐ उम्मीदवार ?

कांग्रेस के उम्मीदवार उप चुनाव को लेकर लगभग कांतिलाल भूरिया तय है लेकिन बीजेपी अभी से परेशान है क्योकि उसे भी अपना उम्मीदवार खोजना है .. वैसे अभी रेस मे कल्याण डामोर ; मैगजी अमलियार ; शांतिलाल बिलवाल ; गोविंद अजनार, सुनीता गोविंद अजनार, भानू भूरिया, शैलेंद्र सोलंकी सहित आधा दज॔न नेता बताऐ जाते है लेकिन सोचिए कभी बीजेपी फिर से गुमानसिंह डामोर को लडा दे तो ? इसकी संभावना हालांकि कम है लेकिन बीजेपी मे सब कुछ संभव है हालांकि हमारे सुत्र बताते है कि उपचुनाव तो नहीं लेकिन अब मध्यावधि चुनाव हुऐ तो गुमानसिंह डामोर लड़ने को इच्छुक बताऐ जाते है ।।

बीजेपी मे पावर सेंटर बने गुमानसिंह डामोर

विगत 7 महीने पहले तक गुमानसिंह डामोर के साथ झाबुआ जिले का बीजेपी संगठन उतना मित्रवत व्यवहार नही करता था लेकिन विधानसभा चुनाव मे उनकी जीत ओर फिर लोकसभा मे जीत के बाद निजाम बदल गया है अब हालात यह है कि गुमानसिंह डामोर बीजेपी की राजनिती के केंद्र मे आ गये है ओर एक तरह से नया पावर सेंटर है जिसके इद॔ गिद॔ बीजेपी परिक्रमा लगाती दिख रही है दरअसल बीजेपी को लगता है कि सिर्फ यही शख्स है जो कांग्रेस के परंपरागत गढ को धराशायी कर सकता है हालांकि इलाके मे बीजेपी से कोई विधायक का ना होना भी गुमानसिंह डामोर के महत्व को बढा दिया है ।

 

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