मुमुक्षु मयंक पावेचा की वर्षीदान शोभायात्रा में उमड़ा जनसैलाब

- Advertisement -

रितेश गुप्ता थांदला
नगर में सोमवार सुबह मुमुक्षु मयंकजी पावेचा की वर्षीदान शोभायात्रा उनके निवास स्थान से निकली। इसके पूर्व नवकारसी का आयोजन हुआ। मयंकजी पावेचा ने वर्षीदान शोभायात्रा में जमकर वैभव लुटाया। उत्साह और उल्लास के बीच निकली शोभायात्रा का जगह-जगह पलक पावड़े बिछाकर स्वागत किया गया। दीक्षार्थी मयंकजी पावेचा मंगलवार को जैन भगवती दीक्षा अंगीकार करेगे। इससे पहले जवाहर मार्ग स्थित निवास स्थान से सुबह 7.30 बजे महाभिनिष्क्रमण यात्रा निकलेगी। सात दिवसीय दीक्षा और पारणा महोत्सव के तहत सोमवार सुबह जवाहर मार्ग से वर्षीदान शोभायात्रा निकली जो आजाद चौक, पीपली चौराहा, एमजी रोड, रघुनन्दन मार्ग, गांधी चौक, सरदार पटेल मार्ग, दिगम्बर जैन मंदिर, पुराना पोस्ट ऑफिस होती हुई पौषध भवन स्थानक पर पहुंची। शोभायात्रा में मयंकजी पावेचा रथ में सवार होकर आमजन को वैभव लुटाते हुए निकले। उन्हें देखने के लिए कई धर्मानुरागी सडक़ो पर उमड़े। जगह-जगह शोभायात्रा का स्वागत किया गया। इस दौरान समाजजनों की निर्धारित वेषभूषा अलग ही छटा बिखेर रही थी। दीक्षार्थी के परिवारजन और समाजजनों ने अलग-अलग रंगों के साफे बांध रखे थे। यात्रा में शामिल समस्त श्रद्धालुओं को दौलत भवन महिला स्थानक पर अखिल भारतीय श्री चंदना श्राविका संगठन की डूंगर प्रांत शाखा द्वारा मुखवस्त्रिका की प्रभावना वितरित की गई। इस अवसर पर अध्यक्ष संध्या भंसाली, संगठन की राष्ट्रीय उपाध्यक्षद्वय इन्दु कुवाड़, रेखा गांधी, सुनीता घोड़ावत, रश्मि घोड़ावत, रुपाली चौपड़ा, श्रेया कांकरिया, स्वीटी कांकरिया आदि उपस्थित थे। शोभायात्रा के दौरान श्रावक-श्राविकाएं श्रमण भगवान महावीर स्वामी, आचार्य श्री उमेशमुनिजी, प्रवर्तक जिनेन्द्रमुनिजी दीक्षार्थी मयंकजी पावेचा आदि की जय-जयकार और गुरुगुणगान करते हुए चल रहे थे। एक रथ पर दीक्षार्थी मयंकजी पावेचा और उनकी बहन नेहा प्रांजल लोढ़ा एवं दूसरे रथ पर वीर माता-पिता किरण-प्रमोद पावेचा बैठे हुए थे। यात्रा में जबरदस्त नजारा देखने को मिला। मध्यप्रदेश सहित महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, पंजाब आदि कई दूरस्थ प्रान्तों के श्रद्धालु भी यात्रा में शामिल हुए। शोभायात्रा के दौरान जगह-जगह श्रद्धालुओं के लिए पानी की सुन्दर व्यवस्था की गई थी। पौषध भवन पर प्रवर्तक जिनेन्द्रमुनिजी ने कहा कि सारी प्रतिकूलता में कोई कुछ भी निर्णय ले सकता हैए लेकिन सारी अनुकूलताएं होते हुए संयम मार्ग पर चलने का निर्णय वीरता का परिचायक है। पंचम काल में साधु बनने वाले इंसान को महान बताया गया है। धर्मसभा को अन्य मुनिमण्डल व साध्वी मंडल ने भी संबोधित किया। दोपहर मे भव्य चौवीसी का आयोजन अणु पब्लिक स्कूल पर हुआ। 5 मई रविवार को पौषध भवन से प्रात: 10.30 बजे मुमुक्षु मयंकजी पावेचा की जयकार यात्रा निकली इसके पष्चात 11.30 बजे प्रेम-भंवर निवास पीपली चौराहा पर भाईदूज का कार्यक्रम हुआ। यहां सभी को लोढ़ा परिवार द्वारा प्रभावना वितरीत की गई। इसी दिन दीक्षार्थी के निवास स्थान पर चाक का और रात्रि 8 बजे अणु पब्लिक स्कूल पर ऋषभ संभव जैन यतेश्रद्ध इंदौर द्वारा दीक्षार्थी अनुमोदना का कार्यक्रम आयोजित हुआ। 6 मई सोमवार को दोपहर मे भव्य चौवीसी का आयोजन अणु पब्लिक स्कूल पर हुआ। यहां पर प्रात: 11.30 बजे साधर्मी वात्सल्य हुआ। शाम को दीक्षार्थी के आवास पर वरथाल आयोजन हुआ। स्कूल पर ही रात्रि में अभिनन्दन और बिदाई समारोह मनमधुकर जैन नागदा, मुम्बई, इंदौर की टीम द्वारा आयोजित किया गया। 7 मई को 170 से अधिक वर्षीतप आराधक पारणा करेगे। बिती संध्या को अणु पब्लीक स्कूल परिसर में जैन भजन संध्या का आयोजन किया गया जिसमे ऋषभ संभव द्वारा भजनों की प्रस्तुति दी गई। जिसमें जय जय कारा व अन्य भजनों पर श्रद्धालु जमकर झुमे । फ्लेश लाइट आन करवाकर व हाथों को घुमाकर भजन संध्या का आंनद लिया।

)