ब्लास्ट की पहली बरसी पर मृतआत्माओं को श्रद्धांजलि देने के लिए उमड़े लोग

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12pet-04d 12pet-3 14झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
12 सितम्बर ब्लास्ट की प्रथम बरसी पर सुबह से ही श्रद्वाजंली चौक पर महामृत्युजंय जाप पंडितों द्वारा किए गए। वही 8 बजे से श्रद्धांजलि देने वालों का क्रम चलता रहा। जिसमें मृतकों के परिजन भी दूर दूर से श्रद्धांजलि देने आए। इसके साथ ही कई संगठनों ने भी श्रद्धांजलि दी। दिन भर श्रद्धांजलि चौक के आसपास भीड़भाड का माहौल रहा। मृतकों के परिजन जब श्रंद्वांजली देने पहुंचे तो उनके आंखों में आंसू नहीं रुक रहे थे उनका रो रो कर बुरा हाल हो रहा था। नगर पूरी तरह से बंद रहा है। पूरे नगर वासियों ने स्वेच्छा से अपने प्रतिष्ठान बंद रखे। कांग्रेस के सांसद कांतिलाल भूरिया भी श्रद्धांजलि चौक पर श्रद्धांजलि देने पहुंचे जहां उन्होने दावा किया की राजेंद्र कांसवा जिंदा है और वह नेपाल में है। साथ ही श्रद्धांजलि चौक मुख्य चौराहे पर ही बनाने की पैरवी की। दूसरी और क्षेत्रीय विधायक निर्मला भूरिया श्रद्धांजलि चौक पर नहीं आई। आम लोगों का कहना है कि विधायक को भी इस मौके पर आकर श्रद्धांजलि देना चाहिए। पीडि़त परिजनों ने एसडीएम को कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपते हुए एसडीएम सीएस सोलंकी से तीखी बहस की। पीडि़तों का कहना है कि श्रद्धांजलि चौक को अधिकारीक रूप से श्रद्धांजलि चौक माना जाए। जिसके लिए प्रशासन जल्द से जल्द कार्रवाई कर इस स्थान को अधिकृत करें। इस पर एसडीएम सोलंकी ने 15 दिन में वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा कर उचित कार्रवाई की जाएगी।
परिजनों और नागरिकों ने स्पष्ट किया की यदि 15 दिन में कोई निराकरण नहीं होता है तो हमारे द्वारा उग्र आंदोलन किया जाएगा जिसके लिए प्रशासन जवाबदार रहेगा। दूसरी ओर शाम के समय भाजपा के जिलाध्यक्ष दौलत भावसार भी श्रद्धांजलि चौक पहुंचे जहां श्रद्धांजलि दी और उन्होंने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा की श्रद्धांजलि चौक पर ही श्रद्धांजलि दी जा रही है। यही पर श्रद्धांजलि चौक बने। इसके लिए मेरी अपील है कि सभी मिलजुलकर इस चैक को श्रद्धांजलि चौक बनाने में सहयोग करे। दिनांक 28 व 29 सितम्बर को प्रदेश स्तर की बैठक है वहां में मृतकों के परिजनों को जो सहायता नहीं मिली है उसके लिए चर्चा करूंगा।
कांसवा का बैनर पर चर्चा का विषय-
12pet-2 राजेंद्र कांसवा का एक बैनर भी लगा था। जिसमें वह मुख्यमंत्री से मांग करता हुआ दिखाया गया उसने 5 लाख रूपए की मांग की तथा श्रद्धांजलि चौक पर अपना नाम लिखवाने की बात लिखी हुई थी। जिसमें मांगकर्ता के रूप में राजेंद्र कांसवा की आत्मा लिखा हुआ था।