नगर परिषद् चुनाव की उल्टी गिनती शुरु ; बीजेपी को सव॔ मान्य उम्मीदवार की तलाश

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झाबुआ Live डेस्क ।

मई के अंतिम सप्ताह मे नगरीय निकायों के लिए चुनाव तारीखों का एलान होने जा रहा है बीजेपी इन चुनावो को जीतने के लिए एडी चोटी का जोर लगाने की तैयारी मे है बात अगर राणापुर नगर परिषद् के चुनाव की करें तो यहाँ बीजेपी के लिए बेहद मुश्किल मामला एक सव॔ मान्य उम्मीदवार की तलाश का है क्योकि कांग्रेस मे एकमात्र उम्मीदवार लगभग तय है वह है मोजूदा नगर परिषद् अध्यक्ष कैलास  की पत्नी रमीला कैलास .. जिन्हे जिला पंचायत से इस्तीफा दिलवाकर चुनाव मैदान मे उतारा जा रहा है । दरअसल कांग्रेस के मुकाबले कैलास डामोर एक बडी शख्सियत यहाँ बने हुए है वजह यह कि पांच साल मे उनके खिलाफ आम लोगों मे एंटी इंकमेंसी का माहोल नहीं बन पाया हालांकि बीजेपी संगठन से जुडे कुछ लोग अवश्य उनका रणनीतिक विरोध करते रहे लेकिन बीजेपी के पाष॔द तक कैलास के साथ अक्सर खड़े दिखाई दिये । इसलिए कांग्रेस का उम्मीदवार बीजेपी के लिए एक चुनोती तो है यह बात अंदरखाने बीजेपी भी जानती है हालांकि साव॔जनिक रुप से इस बात को राजनीतिक ओर रणनीतिक मजबूरियों के चलते वह नहीं कह सकते । लेकिन अब अगर बात बीजेपी उम्मीदवार की करें तो चार लोग दावेदारी कर रहे है आइये पहले आपको इन चारों उम्मीदवारों से मिलवाते है विश्लेषण के साथ ।

1)- सुनिता गोविंद अजनार – यह पहले भी नगर परिषद् अध्यक्ष रही है मगर उस समय सुनिता ओर गोविंद अजनार के रिमोट कंट्रोल ” मनोहर सेठिया ” थे जिन्हे करीब 1 साल पहले गोविंद अजनार ने जिला सहकारी बैंक का डायरेक्टर बनने के अवसर पर ठेंगा बताकर उनकी राजनीतिक हत्या की कोशिश मे सहभागी बनें। इसके बाद से बताते है मनोहर सेठिया मोकै की तलाश मे है ओर अगर सुनिता गोविंद अजनार को टिकट मिला तो अपनी तीन दशक की राजनीति ओर नगर मे अपनी पकड़ का उपयोग के अपना बदला लेने के पर्दे के पीछे से कर सकते है ओर अगर वे खुलकर भी ऐसा करें तो पार्टी उनका कुछ बिगाड नहीं पायेगी क्योकि सेठिया जिले के राजनीति मे अपना सर्वोत्तम पा चुके है उनके खोने के लिए अब कुछ नहीं है ।

2)- कविता भूरिया – यह पूव॔ जनपद अध्यक्ष थावरसिंह भूरिया की पुत्र वधु है थावरसिंह को पिछली बार भी पहले पार्टी ने B फाम॔ दिया था पर एन टाइम पर बाद मे गोविंद को टिकट दे दिया गया था मगर गोविंद कैलास डामोर से हार गये थे इस बार महिला सीट होने से थावरसिंह अपनी पुत्र वधु के लिए टिकट मांग रहे है ओर रोज हर चोराहे पर जाकर संवाद कर रहे है थावरसिंह के साथ सकारात्मक पहलु यह है कि वे मिलनसार स्वभाव के माने जाते है ओर अन्य प्रतियोगीयो मे इस मामले मे बेहतर बतायें जा रहे है ।

3)- रमीला दिलिप नलवाया — नलवाया लंबे समय से बीजेपी से पाष॔द है ओर स्थानीय उम्मीदवार है वे अपना जनसंपर्क भी शुरु कर चुके है पत्नी रमीला को अध्यक्ष का चुनाव लडवाना चाहते है मनोहर सेठिया से समथ॔न की उम्मीद है लेकिन जिला संगठन ओर प्रदेश भाजपा पय॔वेक्षको तक गंभीर उम्मीदवार के रुप मे अभी उन्हें साबित करने की जरुरत है क्योकि संगठन उन्हें अभी बाकी के मुकाबले उतना गंभीर नहीं मान रहा है ।

4 )- प्रभावती रामसिंह सोलंकी – एक रसूखदार राजनीतिक परिवार की बेटी है पति रिटायर्ड हेड मास्टर है ओर पूरा परिवार उच्च शिक्षित है वे मिलनसार गृहणी रही है अचानक एक पखवाड़े पहले उन्होंने खुद को बीजेपी के एक दावेदार के रुप मे प्रस्तुत किया है उनका दावा साफ सुथरी राजनीति को बढावा देना है उन्हे टिकट पार्टी नहीं दे रही है लेकिन उन्होंने कम समय मे अचानक राजनीतिक बिरादरी का ध्यान खींचा यह उनकी उपलब्धि है ।

टिकट किसका होगा इसका खुलासा जल्दी है ।