जीएन ग्रुप ऑफ कंपनी के शिक्षक एजेंट की ठगी का शिकार हुए चाय बेचने वाले गोपाल

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रजिस्टर नं. यू 36911 आरजे 2008  पीएलसी  025966 जीएन
रजिस्टर नं. यू 36911 आरजे 2008 पीएलसी 025966 जीएन

झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
पेटलावद क्षेत्र में आज कल प्राइइवेट संस्था जो बैंक डायरी के माध्यम से लोगों की जमा पूंजी के साथ खिलवाड़ कर रही हैं लोगों से डायरी के माध्यम से पैसा इकटठा कर रही है और लोगों के साथ खिलवाड़ कर रही है ऐसा ही एक मामला सामने आए हैं, जिसमें जनपद पंचायत के सामने गोपाल भाबर निवासी पेटलावद जो की चाय की दुकान चला कर अपने परिवार का जैसे तैसे पालन पोषण कर है इससे जीएन ग्रुप ऑफ कंपनी लिमिटेड के एजेंट कालूसिहं ठाकुर जो पेशे से एक सरकारी टीचर जो पेटलावद के राम मोहल्ले में रहता है इसने गोपाल भाबर से 23 अगस्त 2008 से 600 रुपए प्रतिमाह की एक डायरी चालू कराई और कहा कि 5 साल में 40 हजार रुपए जमा कराओगे तो 5 साल बाद डबल मिलेंगे लेकिन अभी तक गोपाल को डबल तो ठीक लेकिन जो पैसा 40 हजार रुपए उसने अपनी बचत में से निकालकर जमा कराया था वो भी अभी तक नहीं मिला, जब गोपाल जीएन ग्रुप ऑफ कंपनी के एजेंट कालूसिंह ठाकुर से बात की तो उसका कहना है कि जब पैसा आएंगे तब देंगे मेरे पास नहीं है मैं कहां से दूंगा। तब गोपाल ने कालूसिंह ठाकुर को कहा कि आप आगे कंपनी के अधिकारी से बात करे तो कालूसिंह ने उसको अपनी हेडऑफिस धार के एजेंट के नंबर दिए गोपाल ने धार वाले एजेंट से बात की तो उसका कहना है कि पेटलावद वाले एजेंट से ही बात करो वही पैसा देगा। गोपाल ने इसको लेकर जीएन ग्रुप ऑफ कंपनी लिमिटेड के हेड ऑफिस दिल्ली फोन भी लगाया तो वह नंबर भी गलत थे अब गोपाल ने मान लिया कि उसके मेहनत का धन डूब चुका है। ऐसा गोपाल ही नहीं कई ओर भी गोपाल है जो जीएन ग्रुफ ऑफ कंपनी की ठगी का शिकार बन चुके है। पेटलावद में आज भी ऐसी कई संस्था है जो खुलेआम बिना रजिस्टर के ऐसे काम कर रही है लोगों की जमा पूंजी के साथ खिलवाड़ कर रही है। सरकार व प्रशासन का इनकी और कोई ध्यान ही नहीं दे रहा है पेटलावद में पहले भी पोस्ट ऑफिस जैसे घोटाले सामने आए जिसमे करोड़ों की ठगी की जा चुकी है और पुलिस की पहुंच से मुख्य आरोपी आशा देवी मौन्नत और उसके पति अभी भी दूर है।