चार्तुमास के  तपस्वियों का निकाला वरघोड़ा हुआ बहुमान

- Advertisement -

 झाबुआ लाइव के लिए बामनिया से लोकेंद्र चाणोदिया की रिपोर्ट-
साध्वी रत्नत्रयाश्रीजी व तत्वत्रयाश्रीजी के ऐतिहासिक चातुर्मास के दौरान तपस्या करने वाले सभी तपस्वियों का वरघोड़ा शुक्रवार सुबह नवकारसी के बाद तेरापंथ सभा भवन से निकाला गया, जिसमेंं बैंड, भगवान का रथ, ताशे, ढोल व विशेष रूप से अलीराजपुर की आदिवासी नृत्य पार्टी शामिल थे, जगह-जगह आदिवासी नृत्य कलाकरों द्वारा नयनाभिराम नृत्य की प्रस्तुतियां दी गई। वरघोड़े में साध्वीद्वय के साथ सभी तपस्वी शामिल थे, जगह-जगह भगवान व साध्वीद्वय की गहुली की गई। इस दौरान महिलाएं, बच्चे व समाजन आदि भी वरघोड़े में नृत्य-गरबा आदि करते चल रहे थे, जिससे लोग निहारते रहे। वरघोड़ा नगर के प्रमुख मार्गों से होता हुए पेटलावद रोड स्थित महावीर स्थानक भवन पर पहुंचकर बहुमान धर्मसभा में परिवर्तित हो गया। लाभार्थी परिवार रतनलाल चाणोदिया परिवार द्वारा 17 तपस्वी व ललित अभ्य चातुर्मास समिति का बहुमान किया गया।
पुण्य से ही मिलती है सुरक्षा-
धर्मसभा को संबोधित करते हुए साध्वी रत्नत्रतयाश्री ने कहा पुण्य करने वाला कभी दुख नहीं भोगता वह हमेशा सुखी रहता है, अपना कमाया हुआ पैसा आपको सुविधा दे सकता है किंतु सुरक्षा नहीं दे सकता सुरक्षा तो आपको पुण्य से ही मिलेगी। आपके पुण्य अच्छे है तो आप इस दुनिया में घूम रहे है। इसलिए पुण्य कमाने का काम करे, साध्वी तत्वतत्रयाश्री ने कहा कि हमने अपने जीवन में क्या पाया और क्या खोया। हमें अपने जीवन में धर्म को पाना और कर्मों का क्षय करना। हमें अपने दिमाग का उपयोग व्यापार में ही करना है धर्म में नहीं, हमें धर्म में दिल से करना है, समस्त आयोजन का लाभ रतनलाल चाणोदिया परिवार द्वारा लिया गया।