एक नगर पंचायत, दो फैसले, एक सख्त फैसला तो दूसरा प्रशासन का ‘मास्टर स्ट्रोक’

- Advertisement -

थांदला ”झाबुआ आजतक डेस्क”: थांदला नगर पंचायत में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के बीच की लड़ाई बीजेपी और प्रशासन दोनों के लिए गले की हड्डी बनता जा रहा था। ऐसे में शनिवार को दो बड़े फैसले के बाद अब दोनों पक्ष अपनी परेशानी थोड़ी-थोड़ी कम करने की कवायद की है। बीजेपी ने जहां थांदला नगर पंचायत अध्यक्षा सुनीता पूनमचंद वसावा और चार पार्षदों को छह साल के लिए पार्टी को बाहर कर दिया जबकि वहीं प्रशासन ने ट्रेनी आईएएस अधिकारी हर्ष दीक्षित को थांदला का सीएमओ बना दिया है।

दरअसल, पार्टी अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की लड़ाई से बेहद परेशान हो गई थी। दो महीने पहले उपाध्यक्ष संगीता सोनी के खिलाफ कांग्रेस ने अविश्वास प्रस्ताव लाया था। उनके समर्थन में बीजेपी ने व्हीप जारी किया था। इस व्हीप के बावजूद अध्यक्ष सुनीता पूनमचंद वसावा और चार पार्षदों ने इसके खिलाफ मतदान किया था। इसी के बाद से पार्टी पूरी तरह से संगीता सोनी के साथ खड़ी थी। अब उसने कड़ी कार्रवाई करते हुए अध्यक्ष सहित चार पार्षदों को छह साल के लिए पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया।

वहीं प्रशासन के इस फेरबदल को कलेक्टर के मास्टर स्ट्रोक के रूप में देखा जा रहा है। अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के झगड़े की वजह से आए दिन प्रशासन के पास शिकायत पहुंचती थी। इस वजह से कामकाज प्रभावित होता था और बेवजह माहौल भी खराब होता था।

ऐसे में कलेक्टर ने पहले मौजूदा सीएमओ डी. मेडा को एक दिन पहले हटाते हुए तहसीलदार नितीन चौहान को सीएमओ की जिम्मेदारी सौपी थी। अब शनिवार को एक और फेरबदल करते हुए कलेक्टर ने ट्रेनी आईएएस और सहायक कलेक्टर हर्ष दीक्षित को सीएमओ का जिम्मा सौपा है। इसके फैसले को रणनीतिक सुझबुझ के रूप में देखा जा रहा है।

माना जा रहा है कि अब यही जानकार अफसर रहेंगे तो विवाद जिला मुख्यालय तक नहीं पहुंचेंगे और वह अपने स्तर पर ही इससे निपट लेंगे। साथ ही यदि वह ज्यादा प्रभावशाली तरीके से काम करेंगे तो यूं भी कोई सीधे शिकायत करने की हिमाकत नहीं करेगा। ऐसे में दो फैसलों से राजनेता और प्रशासन अधिकारियों ने अपना पल्ला छुड़ाने और विवाद को खत्म करने की कवायद की है।