4 दिसम्बर को जननायक टांटिया मामा के शहादत दिवस पर जिले में होंगे भावभीनी श्रद्धांजलि कार्यक्रम

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पियुष चंदेल, अलीराजपुर
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स्वाधीनता संग्राम में जांबाजी का अमिट अध्याय एव अंग्रेजों को लोहे के चने चबवाने वाले, शोषितों के मसीहा टांटिया मामा, 1857 में एक ऐसी क्रांति के जनक रहे जो विश्व मे एक मिशाल बन कर उभरी है। टांटिया मामा एक ऐसे क्रान्तिकारी योद्धा थे, जिन्होंने न केवल अंग्रेजो से लोहा लिया अपितु भारतीय समाज के हर तबके के शोषित वर्ग के लोगो को संरक्षण दिया ओर भूखो को खाना दिया। टांटिया मामा के सिद्धान्तों में ये भी शामिल था, कि उनके होते हुये कोई भी व्यक्ति भूखा नही रहेगा। इसलिए टांटिया भील को लोग प्यार से मामा कहकर संबोधित करते थे।
टांटिया मामा के सिद्धांत को आम जन तक पहुचाने के लिए आदिवासी संगठन ने 09 अगस्त 2018 को विश्व मुलनिवासी दिवस के अवसर पर अलीराजपुर जिले में इस श्लोगन के साथ झोपड़ी झोंपड़ी जाएंगे ,टांटिया मामा के सिद्धान्तो को जन जन तक पहुचाएँगे के संकल्प पूरे जिले में धरती पुत्र शिरोमणि महामानव भगवान टांटिया मामा की मूर्ति को लेकर सभी ब्लाकों एव कस्बो में रथ का भृमण करवाया गया था। इस दौरान पूरा जिला टांटिया मामा के जयकारो से गूंज उठा था, पश्चात 09 अगस्त 2018 को अलीराजपुर के दाहोद नाके पर टांटिया मामा की मूर्ति की स्थापना की गई थी।
उल्लेखनीय है कि गत चार -पाँच सालों से टांटिया मामा के शहादत दिवस पर जिले में अनेकों कार्यक्रम आयोजित किये जा चुके है, तथा दो वर्ष पूर्व टांटिया मामा के शहादत दिवस पर जिले में एकलव्य निःशुल्क कोचिंग क्लासेस का शुभारम्भ किया गया था, जिसमे जिले के पूर्व पुलिस अधीक्षक एन. कार्तिकेयन व कई वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा भी सप्ताह में दो दिवस अपनी सेवाऐ देकर युवाओं को मार्गदर्शन देकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करवाई गई थी।
प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी टांटिया मामा के शहादत दिवस 4 दिसम्बर को टांटिया मामा के सिद्धांतों को जन जन तक पहुचाने के लिए जिला मुख्यालय अलिराजपुर सहित जोबट, खटाली, भाबरा, कट्ठीवाडा, नानपुर, सोंडवा, वालपुर, बखतगड आदि कस्बो मे कार्यक्रमो का आयोजन किया जा रहा है। उक्त कार्यक्रम में जयस जिला अध्यक्ष विक्रम चौहान ने सम्माज जन को परिवार सहित उपस्थित होकर मामा को श्रदांजलि अर्पित करने का आह्वान किया है। उक्त जानकारी जयस मीडिया प्रभारी ऋतुराज लोहार एवं सालम सोलंकी ने दी।