समाजसेवी ठाकुर जोरावरसिंह ठाकुर के निधन पर अंचल डूबा शोक में

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भूपेंद्रसिंह नायक, पिटोल
अपनी जीवन यात्रा शुरू करने वाले ठाकुर जोरावरसिंह ठाकुर का ब्रेन हेमरेज के कारण रविवार सुबह 11 बजे निधन हो गया जो कि पिटोल सहित आसपास के ग्रामीणों के लिए अपूरणीय क्षति है। गौरतलब है कि ठाकुर जोरावरसिंह ठाकुर ने स्कूल एवं कॉलेज के जीवन से सक्रिय राजनीति में थे उन्हें राजनीति में जिले से प्रदेश कांग्रेस में अपना दबदबा बनाया। साथ ही वे कई वर्षों तक सांसद प्रतिनिधि रहे एवं जिले के कांग्रेस उपाध्यक्ष भी रहे उनके सभी काकाजी, वकील साहब, ठाकुर साहब, दरबार के नाम से मशहूर ठाकुर साहब ने पिटोल में हमेशा सभी समाज को हमेशा एकजुट एकता बनाकर समान रूप से सभी धर्म वर्ग लोगों को साथ में रखा। स्व. ठाकुर साहब ने हमेशा एक समाजसेवक की भूमिका बखूबी निभाई जिनमें हमेशा सामाजिक एवं समस्त धार्मिक कार्यक्रमों को अपनी उपस्थिति में संपन्न करवाते थे। वकालत एवं पत्रकारिता करते हुए पिटोल की जन-समस्याओं को लेकर नेता प्रशासन तक अपनी बात पिटोल की हर समस्या समाधान करते थे। ठाकुर जोरावरसिंह को एक सप्ताह पूर्व में ब्रेन हेमरेज हुआ था जिसका इलाज इंदौर में चल रहा था परंतु कल डॉक्टरों ने जवाब दे दिया तब उन्हें घर लाए तब संपूर्ण पिटोल के लोग महिलाएं-पुरुष बच्चे अपने काकाजी की खबर जानने के लिए घर पर इक_ा हुए और भगवान से उनकी लंबी उम्र की प्रार्थना करने लगे परंतु होनी को कुछ और ही मंजूर था। भगवान ने आज एक महान विभूति को अपनी शरण में ले लिया। पिटोल में कई ऐतिहासिक कार्य ठाकुर साहब ने किए। पिटोल में माध्यमिक विद्यालय को हाई सेकंडरी में करवाई नल-जल योजना कांग्रेस के शासन में करवाई लड़ाई लडक़र करवाई पिटोल के आसपास के गांव में बिजली पहुंचाने में योगदान रहा ठाकुर साहब झाबुआ जिले के प्रमुख तीर्थ स्थल पिपलखुंटा के ट्रस्टी रहे। वहीं दोनों दलों के नेताओं ने अंतिम यात्रा में शामिल होकर ठाकुर साहब को विदाई दी। झाबुआ जिले में राजनीति वकालत एवं पत्रकारिता में अपनी एक अलग पहचान बनाने वाले ठाकुर साहब की अंतिम यात्रा में झाबुआ कोर्ट के समस्त वकील जिले के समस्त पत्रकार जगत के लोग एवं राजनीति में कांग्रेस से सांसद कांतिलाल भूरिया, विधायक प्रत्याशी डॉक्टर विक्रांत भूरिया, रमेश डोशी आदि कांग्रेसी नेता थे। वहीं भाजपा से शांतिलाल बिलवाल, शैलेश दुबे, बबलू सकलेचा, कल्याण डामोर के साथ सैकड़ों भाजपा कार्यकर्ता भी शामिल हुए धार्मिक कार्यक्रमों में सक्रियता के कारण झाबुआ जिले के पिपलखंटा धाम के संत शिरोमणि दयाराम महाराज भी उनकी अंतिम यात्रा में शामिल हुए उनके अंतिम यात्रा उनके निज निवास से प्रारंभ हुई थी जहां पिटोल के आजाद चौक में फूलों से बने रथ पर अंतिम दर्शन के लिए रखा उनके अंतिम यात्रा जहां से गुजरी वहां के लोगों ने नम आंखों के साथ फूलों के बरसा कर श्रद्धांजलि दी। मोद नदी पर उनके पुत्र कुंवर निर्भय सिंह ने मुखाग्नि दी। ठाकुर साहब के जाने से ठाकुर परिवार सहित पिटोल में अपूरणीय क्षति हुई है जिसकी भरपाई होना बहुत ही मुश्किल है उनके अंतिम यात्रा में लोगों ने कहा जब तक सूरज चांद रहेगा ठाकुर जोरावर सिंह का नाम रहेगा।