“वायरल सच” – 7 जनवरी को मध्यप्रदेश मे विधानसभा चुनाव वाला मैसैज फर्जी है ; अभी कोई एलान नहीं ; इस लेख से जानिऐ पुरी चुनावी प्रकिया

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सोशल मीडिया मे आज मध्यप्रदेश विधानसभा चुनावों की तारीखों का एलान संबंधी संदेश ओर निर्वाचन आयोग का एक पत्र वायरल हो रहा है अपने पाठकों की मांग पर इस संदेश की पड़ताल की झाबुआ Live ने । 

चंद्रभान सिंह भदोरिया @ चीफ एडिटर 

आज दोपहर से whatsapp ग्रुपों में निर्वाचन आयोग के पत्र के साथ एक संदेश वायरल हो रहा है जिसमें कहा जा रहा है कि मध्यप्रदेश मे विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान कर दिया गया है । इसे पढकर कई पाठको ने ” झाबुआ Live” से संपर्क कर इस लेटर ओर संदेश की हकीकत जाननी चाहिए चुंकि झाबुआ लाइव अपने पाठकों ओर दश॔को के प्रति समर्पित है इसलिए हमने इस पत्र की वायरल पडताल की .. पडताल मे हमें ज्यादा दिक्कत नहीं आई क्योकि जिस पत्र को आधार बनाकर 7 जनवरी को मध्यप्रदेश मे विधानसभा चुनाव की बात कहीं जा रही थी उस पत्र को पढकर ही खुलासा हो गया कि अंग्रेजी मे लिखें इस पत्र को ठीक से पढा नहीं गया ओर मनमानी व्याख्या कर दी गयी है । दरअसल यह पत्र निर्वाचन आयोग का ही है ओर उन चार राज्यो को लिखे गये है जिनके चुनाव आगामी 6 माह मे होने है इन राज्यों मे छत्तीसगढ़ ; मध्यप्रदेश ; मिजोरम एंव राजस्थान है । पत्र के पहले पेरे मे जो तारीखे दी गयी है उन्हे गलत समझ लेने से भ्रम पैदा हुआ है दरअसल पहले पेरे मे जो तारीखे है वह चार राज्यो की विधानसभा की वैधता खत्म होने की तारीख है उनमें मध्यप्रदेश की मोजूदा विधानसभा का काय॔काल 7 जनवरी को खत्म होने का उल्लेख है ओर उसके पहले होने वाले चुनावों की तैयारी मे तीन साल से एक ही जिले मे डटे अफसरों को हटाने की बात इस पत्र मे आयोग द्वारा कहीं गयी है । ना कि 7 जनवरी को चुनाव होने की । अपने दश॔को ओर पाठकों को झाबुआ Live यह बताना चाहता है कि चुनाव तारीखों का एलान ना तो इतने पहले होता है ओर ना ही पत्र द्वारा होता है । मतदान के 30 से 60 दिन पहले निर्वाचन आयोग चुनाव तारीखों का एलान कर सकता है ओर एलान पत्र द्वारा नहीं बल्कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त की Live प्रेस कांफ्रेंस द्वारा तारीखों का एलान होता है ओर उसी के साथ राज्य मे आदश॔ आचार संहिता लागु हो जाती है । यहाँ यह भी बताना चाहेंगे कि 7 जनवरी को मध्यप्रदेश की मोजूदा विधानसभा का अंतिम दिन है यानी उसके पहले निर्वाचन आयोग को चुनाव करवाकर राष्ट्रपति को नयी विधानसभा के सदस्यो की सुची देनी होती है प्रतिलिपि राज्यपाल को जाती है ओर उसके बाद नयी सरकार के गठन की प्रक्रिया पूरी होती है इसका मतलब यह हुआ कि 31 जनवरी के पहले मध्यप्रदेश मे नयी विधानसभा का गठन होना है इसलिए चुनाव मध्यप्रदेश मे नवंबर के अंतिम सप्ताह से लेकर 31 दिसंबर के पहले होकर मतगणना भी हो जायेगी ।