मॉर्निंग फॉलोअप : खुले में शौच करने जा रहे दलितों को ओडीएफ टीम ने रोका तो सुनाई खरी-खोटी

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अलीराजपुर लाइव के लिए बरझर से इरशाद खान की रिपोर्ट-
आज सवेरे ओडीएफ टीम ने दलितों को खुले में शौच करने जाने स रोका तो परिजनों ने ओडीएफ टीम को जमकर खरी-खोटी सुनाई। अलीराजपुर जिले को ओडीएफ घोषित करने को लेकर कलेक्टर गणेश शंकर मिश्रा हरसंभव प्रयास मे लगे है। वही जिला पंचायत सीईओ एमएल त्यागी ने पदभार संभालत ही ओडीएफ में पिछड़े जनपद पंचायत को जल्द से जल्द खुले में शौच मुक्त करने को लेकर अभियान छेड़ रखा है, जिसके तहत जिले से एक टीम बनाकर पंचायत स्तर पर मॉर्निंग फॉलोअप कर रही है।
ग्राम पंचायत से 100 मीटर की दूरी में दलित परिवार फिर भी नहीं शौचालय
आजाद नगर के बरझर मे करीब दो अलग अलग पंचायत वार्ड में 100 दलित परिवार निवास कर रहे है। ऐसे मे अधिकांश दलित परिवार के यहां शौचालय नहीं होने के चलते बरसों से घर के समीप नदी-नालों में शौच करने जा रहे है। सुबह खुले में शौच करते जाते वक्त इन परिवार के हाथ में लोटा देखा जा सकता है। खास बात यह है कि पंचायत से मात्र कुछ ही मीटर की दूरी पर 12 परिवार है जिसमें से एक भी परिवार के घर पर शौचालय बना नहीं है। जनपद पंचायत चशे आजाद नगर व जिला स्तर से आई एक टीम बरझर कस्बे मं पहुंची, जैसे ही लोटा लेकर खुले में शौच करने जा रहे दलित परिजनों को देखा टीम ने रोकने का प्रयास किया फिर क्या था। दलित परिजनों समूह बनाकर इकट्ठा हो गए और अपनी आपबीती सुनाने लगे। ओडीएफ टीम उल्टे पांव लौटकर बरझर के सोहनकुंड चली गई। इस टीम आज सीईओ ब्रजेश पटेल, जिला स्तर से आये मुकेश राठौड़ व सुनील सोलंकी, बीईओ शेखर कुलकर्णी, बीआरसी शैलेंद्र डावर, शिक्षक शैलेंद्र शर्मा, केशव सोलंकी, कोदर चौहान, शकुन्तला चौहान, रामसिंह राठौड़, राजेन्द जोशी ,मकनसिंह डावर, कणु परमार थे।
दलित बस्ती में शोचलय नहंी होने से सामूहिक शौच बनाने का लिया निर्णय
बरझर के दलित परिवार में वर्षों से शोचालय नही है। खास बात यह है कि छोटे-छोटे एक मकान एक परिवार के 5-7 लोग रहते है। ऐसे मे शोच बनाने के लिए पांच फीट जमीन भी नहीं है। ऐसे मे जनपद पंचायत सीईओ ब्रजेश पटेल जिला ओडीएफ के मुकेश राठौड़,व उप संरपच हिमसिंह बारिया ने पंचायत निधि से दस शोचालय सरकारी जमीन पर बनाकर इन परिवारों को देने की चर्चा की ताकी हर तीन परिवार के एक शौचालय मिल सके।
जमीन पटटे दिए आवास कब मिलेगा दलित परिवार को?
बरझर मे करीब 20 दलित परिवारो को तीन वर्ष पूर्व जमीन के पट्टे तो दे दिये गये अब इन परिवार वाले शासन प्रशासन से प्रधानमंत्री आवास के लिए इंतजार कर रहे है। उनका कहना है कि बरसों से हम कवेलू के टूटे-फूटे मकान मे रह रहे हे व बरसात के मौसम मे एक ही कमरे में बहू-बेटे के साथ रात मे सोना पड़ता है। दलित परिजनों का कहना है कि जिन लोगों के पास सब कुछ होने के बाद भी उन्हे आवास मिल गया है ओर हम बरसों से झोपङिय़ों मे रहकर परिवार का गुजारा कर रहे है। ऐसे मे हमें कब अपना आशियाना नसीब होगा..?
सीईओ ने टीम बनाकर रोज फलियों मे फॉलोअप के दिए निर्देश
आजाद नगर की सबसे बङी ग्राम पंचायत बरझर के 12 फलियों मे कुल 1625 परिवार निवास कर रहे है, अभी तक 50 फीसदी से अधिक शौचालय पूर्ण हुए हैं। ऐसे में सीईओ ब्रजेश पटेल व मुकेश राठौड़ ने पंचायत में बैठकर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, चौकीदार, समूह अध्यक्ष ग्राम पंचायत पंच, तड़वी, पटेल, चौकीदार, शिक्षक, बालक-कन्या आश्रम अधीक्षक सहित 10 से 12 लोगो की टीम बनाकर पंचायत के 12 फलियों में सवेरे घूमकर शौचालय बनाने व शौच बन चुके परिवार को शौच में जाने के लिया प्रेरित करने के लिए नसीहत दी व कहा कि मैं सवेरे में किस फलिये में पहंच जाऊं वहा मुझे पूरी टीम के सदस्य मिलना चाहिए।
बरझर पंचायत मे आवास बन गये शौचालय नहीं
ग्राम बरझर मे प्रधानमंत्री आवास तो बना दिये परन्तु उसके साथ शौचालय बनाना था वो आज तक अधिकांश परिवार ने नही बनाये। जबकि प्रधानमंत्री आवास के साथ शौचालय की राशि भी दी गई थी। ऐसे मे शौचालय क्यों नहीं बनो गए, जबकि आवास से पहले शौचालय बनाया जाना चाहिए था।