मप्र डिप्लोमा इंजीनियर्स ने अपनी पांच सूत्री मांगों को लेकर सांसद भूरिया को सौंपा ज्ञापन

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फिरोज खान, अलीराजपुर
मप्र डिप्लोमा इंजीनियर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधि मंडल द्वारा संघ की लंबित पांच सूत्री मांगं के निराकरण हेतु 23 मार्च एवं 1 अप्रैल को मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान से मुलाकात कर चर्चा की उसके बाद उन्हें आश्वासन मिला था, उसके बाद 7 मार्च से अनुशासित एवं शांतिपूर्ण तरीके से जारी आंदोलन को 1 अप्रैल को स्थगित कर दिया गया था। गौरतलब है कि संघ विगत 10 अपै्रल 2017 को मुख्यमंत्री से हुई चर्चा के बाद उनके निर्देशों पर 13 अप्रैल 2017 को शासन द्वारा एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया गया था। कमेटी को एक माह की समय सीमा में मांगों का परीक्षण कर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए थे। उक्त कमेटी द्वारा रिपोर्ट प्रस्तुत करने में किए जा रहे अत्यधिक विलंब के कारण 16 मार्च 2018 को भोपाल में, प्रदेशभर से आए 12 हजार उपयंत्रियों द्वारा अनुशासित एवं शांतिपूर्ण तरीके से विशाल रैली आयोजित कर मुख्यमंत्री का ध्यान आकर्षित किया गया, किंतु एक वर्ष बीत जाने के बाद भी शासन द्वारा संघ की पांच सूत्री मांग उपयंत्रियों की मांग है कि ग्रेड-पे 320 के स्थान पर 4800 रुपए किया जाए, संविदा कार्यभारित उपयंत्रियों का नियमितीकरण किया जाए, उपयंत्री संवर्ग को त्रिस्तरीय समयमान वेतनमान दिया जाए, पूर्ण सेवाकाल में एक अनिवार्य पदोन्नति दी जाए, पीडब्ल्यूडी मेन्युअल के अनुसार विभागों का विस्तारीकरण किया जाए। का निराकरण की दिशा में कोई समाधान नहीं किया गया। इस कारण प्रदेश के समस्त उपअभियंता संवर्ग में रोष है। संघ ने इसके बाद निर्णय लिया कि मप्र शासन में विभिन्न विभागों में नियमित स्थापना एवं संविदा पद पर कार्यरत उपयंत्री संवर्ग के सभी अभियंता एवं उच्च पदों पर कार्यरत डिप्लोमाधारी अभियंता 2 मई से अपनी मांगे पूरी होने तक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेगा एवं 9 मई से जलमल सेवा सहित समस्त आवश्यक सेवाएं बंद कर दी जाएगी। और समस्त बाधित कार्य के लिए शासन स्वयं जिम्मेदार होगा।