नगर परिषद अध्यक्ष के तीन उम्मीदवारों ने लिए फार्म, भाजपा-कांग्रेस पार्टियों ने तय नहीं किए उम्मीदवार

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झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
नगर परिषद चुनाव को लेकर सोमवार को नामांकन भरने का कार्य प्रारंभ हुआ जिसमें अध्यक्ष के लिए तीन उम्मीदवारों ने फार्म लिए तो पार्षद के लिए 15 से अधिक उम्मीदवार फार्म ले गए किंतु एक भी फार्म जमा नहीं हुआ। सभी लोग अभी फार्म की पूर्ति करने में लगे हुए है। हर कोई फार्म को लेने के साथ साथ अन्य कागजातों की पूर्ति के लिए भी जुट गए है जिसमें मुख्य रूप से नगर परिषद और विद्युत मंडल का अदेय प्रमाण पत्र महत्वपूर्ण है। इसके साथ ही हर उम्मीदवार को एक शपथ पत्र लगाना होगा जिसमें वह अपने बारे में सारी जानकारी देगा।
अध्यक्ष के उम्मीदवार को अलग से खुलाना होगा बैंक खाता-
मुख्य निर्वाचन अधिकारी और एसडीएम सीएस सोलंकी ने जानकारी देते हुए बताया कि आनलाइन फार्म जमा किया जा सकता है। साथ ही मेन्युअल भी फार्म जमा करवाना होगा। अमानत राशि के रूप में अध्यब के उम्मीदवार को 5000 रूपए और पार्षद पद के उम्मीदवार को 1000 रूपए और एसटी,एससी, ओबीसी और महिला को 500 रूपए देना होंगे। इसके साथ ही अध्यक्ष पद के उम्मीदवार को राष्ट्रीयकृत बैंक में अलग से खाता खुलवाना होगा, जिसके माध्यम से चुनाव का पूरा खर्च करना होगा। अध्यक्ष का उम्मीदवार 3 लाख रूपए तक खर्च कर सकता है जिसमें 5 हजार रूपए तक के भुगतान नगद किए जा सकते है इसके साथ ही प्रतिदिन का हिसाब देना होगा।
पार्षद का चुनाव एक ही जगह से.
पार्षद के लिए चुनाव एक ही स्थान से लड़ा जा सकता है. इसके लिए उमीदवार एक ही वार्ड से पार्षद का फार्म भर सकता है अधिक फार्म भरने पर अन्य फार्म रिजेक्ट हो जाएंगे। इसके साथ ही अध्यक्ष और पार्षद का चुनाव एक साथ लड़ सकते है। पार्षद को चुनाव में जिस वार्ड से चुनाव लडऩा है प्रस्ताव उसी वार्ड का होना चाहिए। चुनाव में उम्मीदवार को आधार की आवश्यकता नहीं है।
5 संवेदनशील मतदान केंद्र.
पेटलावद नगर में कुल 15 वार्डों के लिए 18 मतदान केंद्र है. जिसमें से 5 संवेदनशील की श्रेणी में रखे गए है. जहां सुरबा के विशेष इंतजाम होंगे। इसके साथ ही प्रशासन द्वारा 25 मतदान दल बनाए जा रहे है जिसके प्रथम प्रशिक्षण 21 जुलाई और द्वितीय प्रशिक्षण 27 जुलाई को दिया जाएगा।
पार्टी से बड़ा व्यक्तित्व होगा
चुनावों को लेकर राजनीतिक दलों में भी हलचल तेज हो गई है। इस बार का चुनाव विकास के मुद्दे पर लड़ा जाएगा। आमजन पार्टी को महत्व न देते हुए व्यक्ति को महत्व देगा हमेशा स्थानीय चुनावों में यही देखा गया है कि पार्टी से आगे मतदाताओं ने व्यक्ति को महत्व दिया है। स्थानीय चुनाव होने से यहां हर किसी के आपस में संबंध होते है तथा संबंधों को देखते हुए ही व्यक्ति को वोट दिया जाता है जिसके लिए हर कोई अपने संबंधों के हिसाब से चुनावी जुगाड़ लगाता है।
भाजपा में बैठकों का दौर-
भाजपा ने चुनाव की तैयारियां तेज कर दी है, जिसके लिए प्रतिदिन बैठके हो रही है. रविवार को जिला संगठन ने बैठक ली तो मंगलवार को इंदौर से मालीनी गौड और उषा ठाकुर एक विशेष बैठक लेने आ रही है, जिसमें प्रभारी, पालक, संयोजक और बीएलओ-2 स्तर के कार्यकर्ता उपस्थित रहेंगे। बैठकों में कार्यकर्ताओं को विशेष रूप से बगावत करने से रोकने के लिए समझाईश दी जा रही है। हर बैठक में एक ही बात कहीं जा रही है कि दावेदारी सभी करें किंतु जिसे टिकट मिल जाए एक जुट होकर पार्टी हित में उसका सहयोग करे।
वार्ड 4 में उम्मीदवार नहीं तो वार्ड 14 में आई आई बाढ़-
नगर का वार्ड 4 अनारबित महिला वर्ग के लिए है, जहां पर पिछड़ा और अल्पसंख्यक का बाहुल्य है। इस वार्ड में हमेशा कांग्रेस का कब्जा रहा है जहां पर 2011 में कांग्रेस के संतोष मुलेवा चुनाव जीते थे, किंतु 2015 में पेटलावद में हुए ब्लास्ट में उनकी मृत्यु हो गई थी। पिछले छ माह पूर्व यहां चुनाव हुए तो कांग्रेस के प्रदीप परमार ने जीत हासिल की। इसलिए इस बार भाजपा मजबूत उम्मीदवार को चुनाव मैदान में खड़ा करना चाह रही है किंतु भाजपा की तलाश पुरी नहीं हो पा रही है। वहीं कांग्रेस भी अपने स्तर पर उम्मीदवार तय कर रही है.
कांग्रेस भी ढूंढ रही योग्य व्यक्ति.
इसके ठीक उलट वार्ड 11 जो कि सामान्य महिला के लिए आरक्षित है इस वार्ड में कांग्रेस को योग्य प्रत्याशी पार्षद पद के लिए नहीं मिल पा रहा है। कुछ लोगों से संपर्क जरूर कांग्रेस कर रही है किंतु अब तक कोई व्यक्ति इस पद के लिए तैयार नहीं हुआ। वहीं इसके विपरीत वार्ड क्र.14 में अनारबित पुरूष होने से यहां उम्मीदवार की कोई कमी नहीं है. यहां भाजपा हो या कांग्रेस या निर्दलीय इस वार्ड में 1 दर्जन से अधिक लोग दावेदारी प्रस्तुत कर रहे है जिसके चलते दोनों ही पार्टियों में असमजंस की स्थिति है कि आखिर इस वार्ड से टिकट किसे दे.
राजनीतिक रंग भी चढ़ रहा परवान.
दोनों ही दलों के द्वारा अपने अपने प्रत्याशियों की जीत का दावा किया जा रहा है किंतु भाजपा में जहां अध्यक्ष पद के लिए 6 दावेदार है तो कांग्रेस के पास 2 दावेदार है. पूरी समीकरणों और पेटलावद की जनता का मन भापा जाए तङ्क्ष पुराने इतिहास के अनुसार फिर से निर्दलीय उम्मीदवार कहीं बाजी न मार जाए.