दशामाता पर्व पर महिलाओं पीपल के पेड़ की पूजा कर सूत किए धारण

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पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
दशा माता का पर्व नगर में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। नगर में एक दर्जन स्थानों पर महिलाओं ने पीपल के पेड़ की पूजन कर व्रत किया। नगर में बड़ा रामजी मंदिर स्थित पिपली बाड़े में प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी सोमवार को दशामाता का पूजन विधि विधान से शुरू हुआ, जहां पूजा और व्रत की कथा का संचालन गामोठ परिवार वर्षों से करता आ रहा है। इस वर्ष भी गामोठ पं. प्रकाशचंद्र कौशिक द्वारा सुबह 4 बजे मां दशामात को 10 तार की जनेउ पहनाकर व्रत की शुरूआत की। स्टेट के जमाने से पूजी जा रही है ये पीपल आम धारणा है कि ये पेड़ 200 वर्ष से भी अधिक प्राचीन है। पं.प्रकाशचंद्र कौशिक ने बताया कि घर की दिशा व दशा ठीक रहे इस हेतु सुहागिन महिलाएं चैत्र कृष्ण पक्ष दशमी को पीपल के वृक्ष को मां दशामाता स्वरूप मानकर पूजन व व्रत करती है एवं 10 गठानों वाले सूत के बने धागे को वर्षभर धारण करती है। इसके साथ ही पुलिस व्यवस्था भी चाक चौबंद रही। इसी प्रकार समीपस्थ ग्राम रूपगढ़ में भी दशा माता का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया, महिलाओं ने सुख समृद्धि की कामना की.