गांधीजी थीम पर सरस्वती ज्ञानदीप कान्वेंट हाईस्कूल के बच्चों ने प्रस्तुतियां देकर मन मोहा

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नानपुर से जितेंद्र वाणी की रिपोर्ट-
विद्यालय एक ऐसा स्थान है जहां बच्चों को शिक्षा के साथ साथ अन्य गतिविधियों में भाग लेकर अपनी प्रतिभा का आकलन कर बता सकते हैं कि बच्चों की रूचि किस क्षेत्र में है कुछ बच्चे खेल,कुछ शिक्षा और कुछ रंगमंच के क्षेत्र में अपना नाम कमाते हैं और समाज में अपना योगदान देते हैं। आज के प्रतिस्पर्धात्मक समय में सभी को कड़ी मेहनत कर अपनी मंजिल को पाने के लिए अग्रसर होना है। यह बात खण्ड शिक्षाधिकारी संजय जी गांधी ने सरस्वती ज्ञानदीप कान्वेंट हाई स्कूल नानपुर में शाला के 16वें वार्षिकोत्सव में विशेष अतिथि के रुप में कहीं। साथ ही मुख्य अतिथि के रुप में ग्राम के सरपंच समरथसिंह मौर्य ने कहा कि विद्यालय बच्चों को शिक्षा देने के साथ-साथ खेलकूद विज्ञान आदि के क्षेत्र में अग्रसर करने के लिए प्रेरणा का केंद्र है। कार्यक्रम की अध्यक्षता मनोहरलाल वाणी जनशिक्षक व मंडल संयोजक शरद क्षीरसागर व समाज सेवी प्रदीप क्षीरसागर ने की विद्यालय के बच्चों ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत दी। कार्यक्रम का संचालन मिस सलोनी क्षीरसागर व विद्यार्थी साक्षी वाणी, वंसिता वाणी, खुशबू राठौर, निराली जयसवाल ने किया। सांस्कृतिक कार्यक्रम में नन्हे-मुन्ने बच्चों द्वारा पापा मेरे पाप, हवा हवाई, रोली पोली पर रोमांचक प्रस्तुति पेश की है। साथ ही विभिन्न देशभक्ति गानों पर बच्चों ने प्रस्तुतिया दी है। बाल-मजदूरी, परवरिश, सोशल मीडिया से लाभ व हानि पर नाटक प्रस्तुत कर उपस्थिति अतिथिगण व पालकगण का मन मोह लियाद्य प्रत्येक प्रस्तुति पर सरपंच द्वारा बच्चों को बिस्किट बांटे गए। प्राचार्य अनिता राठौड़ द्वारा वार्षिक परीक्षा में प्रथम स्थान आने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया गया। संचालक कैलाश राठौर द्वारा नवरंग शिक्षा समिति के सदस्यों को पुष्पमाला व स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। कार्यक्रम की रूपरेखा उप प्राचार्य गोलक मलिक व शीतल वाणी द्वारा तैयार की। शिक्षक-शिक्षिका रश्मि जोशी, सारिका माली, सोनू वाणी, पूजा वाणी, पूजा वर्मा, विजय वाणी, अनिमेष वाणी, प्रतिभा राय, पुनम वाणी, शैली क्षीरसागर, गायत्री वाणी, गायत्री राठौर, कृतिका राठौर, अंकिता वाणी, माया भाटी, रुचिका वाणी, श्रद्धा वाणी, सकीना, सकीना, अजय बिहारी दास, सचिन बामनिया, यासमीन, सोहेल, रश्मि,सहायिका ज्योति, जानकी, बीनाबाई, रजियाबाई, सीमाबाई कार्यक्रम में उपस्थित थे। कार्यक्रम के अंत में आभार प्राचार्य ने माना।