गरबा महोत्सव इंदौर में आदिवासी छात्राओं का श्रेष्ठ प्रदर्शन

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शिवा रावत,उमराली@8889821220
कल आर्थिक राजधानी इंदौर के अभिनव नगर मैं, नवरात्रि के शुभ अवसर पर गरबा महोत्सव का आयोजन किया गया जिसमे डांस प्रतियोगिता संपन्न हुई। इस प्रतियोगिता में आदिवासी छात्राएं भी डांस प्रतियोगिता की हिस्सा बनी।
आदिवासी छात्राओं द्वारा आदिवासी वेशभूषा में नृत्य किया गया जिसको देखकर शहरवासी भाव-विभोर हो गए, शहरवासी इस प्रकार के आदिवासी सांस्कृतिक नृत्य को देखकर मंत्रमुग्ध हो गए और उनका कहना था कि इस प्रकार की सांस्कृतिक रीति रिवाज से आज के आधुनिक समाज को सीखना चाहिए, जो सादगी, एकता, मिलनसार, ईमानदारी तथा सौम्यता जैसे नैतिक गुणों से ओतप्रोत है।
जनजातीय शोधार्थी वेरियर एल्विन के अनुसार विश्व का सबसे सुंदर नृत्य आदिवासी नृत्य को कहा गया है, इसी कथन को चरितार्थ करते हुए जनजातीय नृत्य आज भी जीवंत रूप में आदिवासी समाज द्वारा संजोए रखा गया है ।
इस डांस प्रतियोगिता मैं भाग ले रही छात्रा बिना ठकराला और कविता लोहारिया का कहना है, की हम उच्च शिक्षा की प्राप्ति के लिए आधुनिक शहर में रहकर भी अपनी संस्कृति, रिती रिवाज को कभी नहीं भूल सकते है, क्योंकि यहां प्राचीन कालीन संस्कृति है, जिसे हम सदियों से अपनाते आए हैं और इस आधुनिक तथा पश्चात्य संस्कृति से लेस समय में भी अपनी संस्कृति को बनाए रखेंगे।
आयोजित गरबा डांस प्रतियोगिता में किरण सोलंकी, रीना चौहान, बसी रावत, सीमा आदि छात्राओं ने भाग लिया, जो अत्यंत शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़े अलीराजपुर जिले से है, यह गौरव की बात है कि कम साक्षरता वाले जिले से होकर भी उच्च शिक्षा के लिए इंदौर जैसे महानगर में संघर्ष की इबारत लिख रही है।