कोरोना गाइडलाइन तथा बिगड़े मौसम ने नवरात्रि पर्व में धर्मावलंबियों की भक्ति में डाला खलल

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मयंक विश्वकर्मा, आम्बुआ

आदिशक्ति मां जगत जननी मां नौ दुर्गाओं की शक्ति का महापर्व नवरात्र इस बार अपना रंग नहीं जमा पाया एक तो कोरोना की गाइडलाइन के कारण भक्तों की सीमित संख्या छोटे पांडाल उस पर मौसम की बेरुखी ने डांडिया खेलने वालों के अरमानों पर पानी फेर दिया पांडवों से रौनक गायब दिख रही है।

इस बार शारदीय नवरात्रों की संख्या नौ की बजाय आठ रह रही है दो तिथियां साथ में आने के कारण आठ दिवसीय नवरात्र रह गए हैं। शासन प्रशासन के आदेश निर्देश के कारण माताजी के पांडालो तथा आकर्षक झांकियों का स्थान सीमित रह गया कई स्थानों पर स्थापित प्रतिमाओं की केवल सुबह शाम सीमित भक्तों के साथ पूजा आरती की जाकर औपचारिकता निभाई जा रही है कुछ स्थानों पर सीमित भक्तों के साथ युवाओं की टोलियां डांडिया गरबा करने का प्रयास कोरोना गाइडलाइन के तहत कर रहे थे मगर विगत 2 दिनों से शाम तथा रात के समय तेज आंधी तथा वर्षा रंग में भंग पैदा कर रही है अब केवल दो रात्रि शेष है यदि मौसम में सुधार नहीं हुआ तो संपूर्ण नवरात्रि फीकी फीकी ही गुजर जाएगी गरबा खेलने वालों को निराश होना पड़ जाएगा।