कवि सम्मेलन में जुटे हजारों रसिक श्रोता

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झाबुआ लाइव के लिए पारा से राज सरतलिया की रिपोर्ट-

नगर में चल रहे गणेश उत्सव के दौरान श्री सार्वजनिक गणेश मंडल के युवाओं द्वारा लगातार दूसरे वर्ष एक सफल अखिल भारतीय विराट कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें मुंबई ,प्रतापगढ़ राजस्थान सहित मध्यप्रदेश के जाने माने कवियों ने अपना काव्य पाठ किया रविवार 3 सितंबर सुबह से ही मौसम ने अपना रुप पलटा और बारिश होने लगी मंडल के युवा बारिश के थमने का इंतजार करते रहे दोपहर बाद कार्यक्रम स्थल को बदलने तक की चर्चा चलने लगी तभी करीबन दोपहर 3 बजे अचानक बादल छटने लगे आसमान साफ हुआ और सूर्य नारायण के दर्शन के साथ मंडल के युवाओं में उनके चेहरे पर खुशी सी छाई और पारा के राजा के दरबार में होरहे इस कवि सम्मेलन आयोजन की तैयारियां शुरू की गई कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य मुख्य अतिथि  नगर के कोकिल कंठ भजन गायक पंडित संजय शर्मा, सेवानिवृत्त शिक्षक ओकार सिंह परमार, लाखन सिंह राजपूत, समाज सेवी निलेश कटारा,अमृत राठौड़ व पृथ्वी सिंह राजपूत के साथ आमंत्रित कवियों द्वारा प्रथम में पूजे जाने वाले विघ्नहर्ता भगवान श्री गणेश व वीणावादिनी मां शारदा का पूजन अर्चन कर किया गया पूजन-अर्चन के बाद कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य अतिथियों को आमंत्रित कवियों का स्वागत पुष्पमालाओ से इन 10 दिनों तक चलने वाले इस गणेश उत्सव को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले मंडल के युवाओं द्वारा स्वागत किया गया कवि सम्मेलन में आसपास के क्षेत्र झाबुआ ,राणापुर ,रजला ,खयडू, बोरी के साथ आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से कवि सम्मेलन को सुनने श्रोता आए कार्यक्रम में सूत्रधार रहे कवि नारायण निडर नागदा ने काव्य पाठ की शुरुआत में आमंत्रित कवित्री कुमारी माधुरी चौहान के कोकिल कंठ से मां शारदा की वंदना के साथ कवि सम्मेलन की शुरुआत की सफल रहे इस कवि सम्मेलन में सबसे पहले कभी श्याम फिरोजाबादी को आमंत्रित किया गया श्याम फिरोजाबादी ने अपने हास्य व्यगों से श्रोताओं को खूब हंसाया फिरोजाबादी ने अपने काव्य पाठ का आगाज ठहाकों के साथ किया कवि सम्मेलन के सूत्रधार रहे नारायण निडर ने अपने संचालन के दौरान बीच-बीच में “काणा लाडा उसकी आंख में फुल्ला” जैसी अपनी रचनाओं से श्रोताओं को खूब हंसाया कवि सम्मेलन में दूसरे कवि के रूप में महाकाल की नगरी उज्जैन से आए कवि सुरेश बम हास्य को आमंत्रित किया जिन्होंने अपनि हास्य रचनाओं में  बम के गोले से श्रोताओं को ठहाक़े लगाते हुए अपने पंक्तियों के माध्यम से कौमी एकता पर पंक्तियां कहीं की “यहां चेहरे नहीं इंसान पढे जाते हैं मजहब नहीं ईमान पढ़े जाते हैं भारत ऐसा देश है जहां एक साथ एक मंच पर गीता और कुरान पढ़े जाते हैं” बम ने वीर रस में अपने पंक्तियों को पढ़ते हुए कहा कि “मोदी जी ललकार ऐसी ललकारो कि दुश्मन का दिल धहक जाए मोदी जी एक आखिरी गोला ऐसा दागो कि इस पाकिस्तान के चीथडे-चीथड़े   उड़ जाए” बम के बाद कवि सम्मेलन में उपस्थित कवि पैरोडीकार धनपाल धमाका ने अपनी काव्य पाठ यात्रा को प्रधानमंत्री मोदी पर आधारित अपनी पैरोडी अमलीडो-अमलीडो यानी “मोदीडो – मोदीडो  भारत को तारणहारो” के माध्यम से मोदी जी का बखान किया बाद कवि सम्मेलन में मुंबई शहर से आए छोटे पर्दे के कलाकार युवा लाफ्टर किंग कवि चेतन चर्चित ने भी शुरुआत में अपने हास्य व्यंग के माध्यम से श्रोताओं को खूब गुदगुदाते हुए  अपनी पंक्तियां पडी जिसमें “सब्र का बांध को खड़ा होना पड़ा जिम्मेदारीयाली और खड़ा होना पड़ा मजबूरियों ने ऐसे मोड़ पर लाकर खड़ा किया कि वक्त से पहले मुझे बड़ा होना पड़ा” और वसुदेव कुटुंबकम से श्रेष्ठ यारों राष्ट्रीय एकता का कोई धर्म नहीं होता है हाल ही में हुए राजस्थान में बाढ़ के कारण गोशाला बजाने वाले हादसे को चर्चित ने श्रोताओं के बीच रखा अपने व्यंग में  चर्चित ने हो रही गो हत्या जैसे संगीन विषय को लेकर कहां की “आवारा पशु कह कर हमने जबसे मां को पुकारा मां को गाली दी हमने अब कौन बताओ आवारा हमको यह स्वीकार हमारे मां बेटे का नाता है खबरदार पशु मत कहना वह हर हिंदू की माता है “चेतन चर्चित के बाद झाबुआ जिले की कवित्री कुमारी माधुरी चौहान को काव्य पाठ के लिए आमंत्रित किया गया कवित्री माधुरी और सूत्रधार निडर के बीच नोकझोंक के साथ शुरुआत की नोकझोंक के बाद कवित्री ने स्वरचित बेटियों पर आधारित पंक्तियां बड़ी जोकि श्रुत्वा व एवं उपस्थित मातृशक्ति को मंत्र मुक्त कर गई “परियों जैसी लगती घर में नन्हीं बिटिया रानी बिटिया रानी है घर आंगन की मुस्कान कोयल की मीठी तान बिटिया से आंगन सुहाना लगे घर की रौनक होती है बेटी उसको खूब सवार हो एक दिन हो जाएगी पराई इन पर खुशियां वारो” कवि सम्मेलन में अंतिम कवि के रूप में राम रामु हटीला मंदसौर ने अपनी मस्ती भरे अंदाज में श्रोताओं को खूब हंसाया और मां के सम्मान में अपनी पंक्तियां पड़ी “दिल टूटा तो एक ही आवाज आई दिल टूटा तो एक ही आवाज आई अरे मैंने सीना चीर के देखा तो बहते लहू में मेरी मां की तस्वीर नजर आई” कार्यक्रम के अंत में मंडल के अमृत राठौड़ द्वारा उपस्थित श्रोताओं पर आमंत्रित कवियों का आभार व्यक्त किया बाद कवियों को मंडल द्वारा स्मृति चिन्ह भेंट किए गए कार्यक्रम का संचालन मंडल के चेतन सिंह राजपूत व युवा पंच शुभम सोनी ने किया