एसडीएम का तुगलकी फरमान : पौधा रोपण के लिये तैयार की जा रही तार फेंसिंग के लिए मंदिर के ओटला तुड़वाया

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भूपेन्द्रसिंह नायक, पिटोल 

एक तरफ नवागत कलेक्टर सोमेश मिश्रा ने झाबुआ अपनी पदस्थापना होते ही कलेक्टर परिसर में पौधा रोपकर जिले में यह संदेश दिया कि वे पर्यावरण प्रेमी है किन्तु उनके मातहत अधिकारी झाबुआ एसडीएम सोहन कनास व तहसीलदार प्रवीण ओहारिया नें हनुमान जन्मोत्सव के पूर्व मंदिर परिसर को आकर्षक बनाने के साथ ही उसमें किये जाने वाले पौधारोपण की मंशा को 30 मिनट में ध्वस्त कर दिया।
तानाशाह एसडीएम अपनी जिद पर ऐसे आमादा थे कि उन्होने सांसद की भी एक ना सुनी व समिति को अपनी मंशा व बात रखने का मौका तक नहीं दिया। पटवारी के माध्यम से मौके पर पहुंचकर जेसीबी मशीन बुलवाकर चलवा दी जिससे हनुमान भक्त नाराज बताए जा रहे हैं।
कानून व्यवस्था नही बिगडे इसलिये हाईवे पर नहीं किया चक्काजाम
एसडीएम द्वारा बगैर सूचना व समिति को सुने बगैर व अपने सांसद की बात को भी तवज्जो नहीं देने से आक्रोशित ग्रामीणों नें कार्यवाही के दूसरे दिन सुबह मंदिर पर पहुंचकर हाइ-वे पर कार्यवाही के विरोध में चक्का जाम करने का मन बनाया था किन्तु समिति के इस आग्रह पर कि अभी कोविड को लेकर क्षेत्र का जन जन परेशान है यहां से मिनट दर मिनट परेशान लोगों का गुजरना हो रहा है जाम लगने से किसी निर्दोष की जान पर बन आएगी व कानून व्यवस्था भी बिगडेगी। चक्का जाम को स्थगित किया।
दोनो प्रशानिक अधिकारीयों की, की निंदा
मंदिर परिसर पर मशीन चलाकर धार्मिक भावनाओं पर कुठाराघात करने वाले इन प्रशासनिक अधिकारियों की कार्यप्रणाली को लेकर जिले के विभिन्न हिंदू संगठनों नें कडे शब्दों में निंदा की है। व जन प्रतिनिधियों से मांग की है कि जिस तरह मंदिर की फेंसिंग पर मशीन चलवाकर उन्होने क्षैत्रिय जनता का अपमान किया है। पुन: जनप्रतिनिधिगण कलेक्टर साहब से सहमति लेकर वृक्षारोपण के लिये तैयार की जा रही फेंसिंग को पुर्नस्थापित करने के लिये जिला प्रशासन के मुखिया से चर्चाकर जन भावनाओं का व मंदिर से जुडी क्षैत्र की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करें।
30 साल पुराना है मंदिर
न सुचना न नोटीस न समिति को सुनने का मौका दिया बस अपनी मनमानी कर चले गऐ एसडीएम व तहसीलदार । बेतुल अहमदाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे एक सुरम्य पहाडी पर स्थित इस मंदिर पर यहां से गुजरने वाले प्रत्येक यात्रियों की आस्था है। दर्शनार्थ जब वे यहां पहुंचते है तो उन्हें धुप में बैठना पडता है। परिसर में वृक्ष नहीं होने से जन भावनाओं के अनुरुप समिति द्वारा दर्शनार्थियों को अच्छा पर्यावरण मिले इसके लिये पौधे लगाऐ जाने थे। लगाऐ जाने वाले पौधों को बचाने के लिये बतौर सुरक्षा के प्रबंध फेंसिंग करवाई गई थी जिसका खर्च धर्मालुओं की दान राशि से किया जा रहा था। समिति द्वारा यह कार्य गत 3 माह से करवाया जा रहा था।