सोसाइटी की गलती से खुन के आंसु रो रहा किसान नाथु ; क्या मदद करेंगे कलेक्टर ?

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हरीश राठोड़ @ पेटलावद 

पीडित नाथु

सरकारी तंत्र की लापरवाही किसानों को सुसाइड करने की ओर धकेलती है यह बात बार बार साबित होती है झाबुआ लाइव आज आपको पेटलावद क्षैत्र के एक किसान कैसे प्रशाशनिक लापरवाही का शिकार होकर परेशान हो रहा था इसका खुलासा करने जा रहा है ।

खेत मे लहसुन – पंजीयन मसुर का
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दरअसल पूरा मामला यह है कि पेटलावद के देहंडी बडी गांव के किसान नाथु पिता कोदरिया सिंगाड ने अपने खेत मे लहसुन की फसल बोई थी जिसका उल्लेख पटवारी रिपोर्ट मे भी है मगर पेटलावद की आदिम जाति सहकारी संस्था ने नाथु की फसल का पंजीयन लहसुन की बजाय गलत तरीके से मसुर लिख दिया । अब जब नाथु अपनी 50 क्विंटल की लहसुन की फसल बेचना चाहता है तो भावांतर में बेच नहीं पा रहा है क्योकि उसका रिकार्ड मे पंजीयन मसुर का है । परेशान नाथु ने एसडीएम मस॔ल पंचोली को भी आवेदन दिया था जहां से उन्हे 5 दिन मे समस्या हल करने का आश्वासन मिला है । सवाल यह है कि क्या सोसाइटी के जिम्मेदार भांग के नशे मे बैठकर पंजीयन करते है ऐसे तनाव के बीच अगर किसान नाथु कोई गलत कदम खुद को नुकसान करने वाला उठा ले तो उसका जिम्मेदार कोन होगा ? बडा सवाल यह भी है कि क्या कलेक्टर इस महत्वपूर्ण मामले को गंभीरता से लेकर हस्तक्षेप करेंगे ?

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