भूख हड़ताल के दस दिन बाद भी प्रशासन की मौन स्वीकृति अतिक्रमण का दायरा बढ़ा

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झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
ग्राम जामली मे सरपंच को अतिक्रमण हटाने को लेकर भूख हड़ताल के दस दिन हो गए है लेकिन प्रशासन कब तक मौन है। हालांकि बीच में चूना डालकर नाम मात्र की कार्रवाई की, लेकिन ऐसी कार्रवाई से तो अतिक्रमणकारियों हौसले बुलंदी पर है। ईंट भट्टे के अतिक्रमण हटाने का मामला डेढ़ साल से चल रहा है तो आज डेढ़ साल बाद भी कार्रवाई नही होने का क्या कारण हैं। इस मामले में कहीं न कही भ्रष्टाचार की बू है तभी तो अतिक्रमण कर्ता के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई और यदि कही छोटी-मोटी कार्रवाई होती भी है तो वह अतिक्रमण कर्ता की हितैषी होती हैं। इस बीच में दूसरे अतिक्रमण करने वाले लोगो पर भी गलत प्रभाव पड़ता है। इधर भूख हड़ताल के दौरान सरपंच का स्वास्थ्य भी बिगड़ चुका था।
कल ग्राम बंद का आव्हान-
अतिक्रमण करने वालो एंव संबंधित अधिकारियों की उदासीनता के विरोध में कल ग्राम जामली बंद रखा जाएगा। सरपंच अबांराम वसुनिया के मुताबिक कल ग्राम की दुकाने-प्रतिष्ठान व कामकाज बंद रहेंगे।
प्रतिदिन बढ रहा अतिक्रमण का दायरा
जिस भूमि को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए तीसरी भूख हड़ताल को दस दिन हो गए हैं। उस भूमि पर आज भी अतिक्रमण किया जा रहा हैं। ईंट भट्टे वाले प्रतिदिन पांच से दस ट्राली मिट्टी रोज बाहर से लाकर डालते है। अधिकारियों की उदासीनता के चलते हर रोज अतिक्रमण का दायरा बढ़ता ही जा रहा है। इधर बिना रायल्टी और बिना परमिशन शासकीय भूमि से मिट्टी चुराने से सरकार को चूना भी लग रहा है और यदि किसी निजी भूमि से मिटटी लाते है तो चंद पैसो की लालच में गरीब किसान लुटते जा रहे है।

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