पेटलावद में मूसलाधार बारिश से जलप्लावन की स्थिति

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इस तरह नाले को पार करते रहे ग्रामीण ओर बच्चे।
इस तरह नाले को पार करते रहे ग्रामीण ओर बच्चे।
तालाब की टूटी सीमेंट की पाल।
तालाब की टूटी सीमेंट की पाल।

झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
बुधवार सुबह लोगों को नींद से जागने पर बस सब तरफ पानी, पानी बस पानी ही नजर आया। मंगलवार रात से जारी बारिश के कारण बुधवार को सुबह कई जगहों पर बारिश के पानी ने समस्या खडी कर दी। वार्ड क्रमांक एक इस बार भी जलमग्न हो गया। यहां भांग्याखाली नाले ने रौद्र रूप धारण कर घरों और खेतों को अपने आगोश में ले लिया। पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी प्रेम सागर गार्डन नाले के पानी से आधा डूब गया। इस नाले पर लगातार अतिक्रमण होने से इस तरह के नजारे खडे हो रहे है। इसी के साथ नगर के कुंज गली, राजापुरा, तलावपाडा आदि कई निचली बस्तीयों में बारिश का पानी घरो में घुस गया। गणपती मंदिर में वर्र्षों पुराना नीम का आधा पेड़ बारिश के कारण गिर गया। पेटलावद से रतलाम की ओर रामगढ़ होकर जाने वाला मार्ग भी काफी समय तक अवरूद्ध रहा तो कई घंटो तक आसपास के गांवों का सम्र्पक भी पेटलावद से टूट गया। पम्पावती नदी अपने पूरे शबाब पर होकर बही। कई नालों में बाड़ आने से यात्रियों को घंटो तक परेशानी का सामना करना पड़ा। मंगलवार से बुधवार के बीच 4 इंच बारिश दर्ज की गई। अब तक 20 इंच से अधिक बारिश दर्ज की जा चुकी है।
तेज बहाव के बाद भी निकलते रहे ग्रामीण
रतलाम की ओर जाने के लिये अधिकांश लोग रामगढ़-करडावद मार्ग का उपयोग करते है। इस मार्ग पर पिछले वर्ष एक कार ओर बाइक के बहने से इस मार्ग पर बड़े पुल का निर्माण करवाया गया। लेकिन इस बार इससे कुछ दुरी पर स्थित एक छोटे से नाले में पानी के तेज बहाव के बावजूद स्कूल के बच्चों और ग्रामीण निकलते रहे। पेटलावद-रायपुरिया मार्ग स्थित स्कूल ओर हनुमानगढ़ स्थित स्कूल के करीब 10 बच्चे स्कूल से छुट्टी होने के बाद पेटलावद से रामगढ़ जा रहे थे। नाले पर पानी का बहाव होने के बावजूद स्कूली बच्चों से भरे ऑटो चालक ने तेज बहाव में टेम्पो को भगवान के बरोसे छोड़कर निकला। नाले के आसपास खडे ग्रामीण यह देख भौचक्के रह गए।
सीमेंट की पाल टूटी
बारिश ने घटिया निर्माण की पोल खोलना शुरू कर दी है। करीब लाख की लागत से रामपुरिया पंचायत में जपनद पंचायत द्वारा तलाब का निर्माण कुछ वर्षो पूर्व करवाया गया था। इसके वेस्ट वियर पर सीमेंट से करीब 30 फीट की मोटी पाल बनाई गई थी। बनने के वक्त ही इसके घटिया निर्माण को लेकर अधिकरियों को सचेत किया गया था। लेकिन लक्ष्मी के दासों ने लक्ष्मी के आगे कोई कारवाई नही की थी। नतीजतन बुधवार को सीमेंट की आधी से ज्यादा पाल टूट गई और तालाब का आधे से ज्यादा पानी बह निकला। जिसने कई फसलों को नुकसान पंहुचाया।
किसानों की फसले बही
इसी के साथ अमरगढ़ असालिया पर लोक निर्माण विभाग द्वारा ठेकेदार के माध्यम से सड़क निर्माण कार्य करवाया जा रहा है। निर्माण में बरती जा रही अनियमितताओं के कारण असालिया गांव के नरसिंग निनामा व अन्य किसानों की फसले पानी से बर्बाद हो गई। यहां पर एक पुल का निर्माण किया जा रहा है जिसकी ऊंचाई कम होने से नाले का सारा पानी खेतों में फसलों को तबाह करते हुए निकल गया।
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