बारिश नहीं होने से किसान परेशान, फसलें हो रही प्रभावित, वॉल्टेज कम होने से विद्युत मोटरें भी नहीं चल रही

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सिराज भाई बंगड़वाला, खरडू बड़ी

किसान पहले से ही अपनी फसलों को लेकर परेशान थे पहले फसलों को जीवाणु खाकर नष्ट कर रहे थे तो किसान महंगी दवाइयां लाकर अपने खेतो में  दवाइयां का छिड़काव किया गया लेकिन अब बारिश की खेच से  किसान परेशान हो रहा है।

भी खेतों में सोयाबीन, मक्का, कपास, जैसी फसल चाड़ी है। किसानों ने वह अपने खेतों में बोवनी कर रखी है लेकिन इंद्रदेव भी अब किसानों पर मेहरबान नहीं हो रहा है जिससे कि किसानों की फसल को लेकर किसान चिंतित है। इधर दूसरी तरफ विद्युत मंडल द्वारा विद्युत सप्लाई भी सही से नहीं किया जा रहा है वोल्टेज में कमी होने से मोटर भी नहीं चल रही है जिससे कि किसान अपनी फसलों के लिए सिंचाई भी नहीं कर पा रहा है इसी के साथ घरेलू वोल्टेज भी बहुत कम दिया जा रहा है जिससे ना तो घर की लाइट सही से चलती है नहीं पानी के लिए बोरिंग चलते हैं। रामा ब्लॉक के गांव खरडू बड़ी  के किसानों का कहना है कि हमारे खेतों में वर्तमान में सोयाबीन, कपास,मक्का जैसी फसल बो रखी है लेकिन अब इंद्रदेव भी किसानों पर मेहरबान नहीं हो रहा है यदि एक बारिश अच्छी हो जाए तो हमारी फसल बच सकती है लेकिन बारिश नहीं होने के कारण हम लोग हमारी फसल बचाने के लिए खेतों में सिंचाई के लिए मोटर लगा रहे लेकिन विद्युत मंडल वाले भी गांव में वोल्टेज सही  नहीं दे रहे हैं जिससे हमारे मोटरे चल नहीं पाती है जिसके कारण  हमारे खेतों में सिंचाई नहीं  हो पाती है और कपास की कुछ फसले भी नष्ट हो चुकी है क्योंकि कपास में कुछ ऐसी वायरस बीमारी होने की आशंका है जिसके कारण कपास की फसल नष्ट हो चुकी है और कुछ जगह फसले सूख चुकी है अब हम करें तो क्या करें अपनी खेती की भी हम सिंचाई नहीं कर पा रहे हैं वोल्टेज कम होने के कारण। 

मानसिंग डामोर किसान का कहना है  मेने मेरे खेत मे चार थैली कपास लगाया था जिसकी कीमत साढ़े तीन हजार रुपए प्रति थैली थी।जिसमे मेने कपास को बचाने के लिए राजगढ़, उदयगढ़, खरडू, पारा से करीब 25 हजार की दवाई का छिड़काव किया लेकिन मेरा कपास नहीं बचा।मेरा सरकार से अनुरोध है कि हम गरीब किसानों के फसलो का सर्वे कर मुआवजा दिया जाए। मुकेश किसान का कहना है कि मेने मेरे खेत मे 6 थैली कपास बोया था जो पूरी तरह से खत्म हो गया।शासन से निवेदन है कि फसलो का सर्वे कर जो भी मुआवजा हो दिया जाए।

ग्रामीण कृषि विकास अधिकारी कलावती बामनिया का कहना है की मै इतने खेतो में गई थी इनकी कपास की फसल नष्ट हुई है जिसकी जानकारी मेने वैज्ञानिकों को दी है और वैज्ञानिकों ने जो दवाई बताई थी वो भी मेने इनको बताई थी। ओर ये लोग क्या एक ही फसल लेते रहते है जिसके कारण भी यह होता है।और गहरी जुटाई नहीं करते है।ऐसा ही झिरावदिया में भी 2 से 3 किसान है। खरडू में भी 2 से 3 किसानों के खेत मे गए थे।फसल बीमा का तहसील स्तर पर रहता है तहसील स्तर पर आपदा से खराब होता है तो मिलता है ओर पानी की भी कमी होने के कारण भी होता है।

सुनील मंडलोई जेई विधुत मण्डल पारा से चर्चा की गई तो उन्होंने कहा हमारे द्वारा कैपिसिटर बैंक चालू कर दिया है। मोटरें ज्यादा चालू होने के कारण लोड ज्यादा हो गया है जिसके कारण वोल्टेज कम मिल रहा है, फिर भी मैं दिखाता हूं।

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