मंडी कर्मचारियों की हड़ताल तब्दील हुई भूख हड़ताल में

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रितेश गुप्ता, थांदला

कृषि उपज मंडी के कर्मचारी बीती 25 सितंबर से मंडी प्रांगण में अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर बैठे है। प्रथम सात दिनों तक चली हड़ताल बीते 3 दिनों से क्रमिक रुप से भूख हड़ताल में तब्दील हो गई है। मंडी कर्मचारी ललीत शर्मा, मेथुसिंह बारिया, प्रेमसिंह हिहोर, विजय डामोर, अरविन्द कुमार जाटव, हर्षित यादव, सुरेश मुजाल्दा, नरेश कुमार सोलंकी, पंकज कुमार राठौर, कृष्णा बघेल, रंजना बामनिया, मंगलिया मैड़ा, दीवान मैड़ा हड़ताल के माध्यम से वेतन भत्ता सुरक्षित किए जाने की मांग कर रहे है। कर्मचारियों का कहना है कि बिल अध्यादेश जारी होने से मंडी समिति की आवक बंद हो गई। जिस कारण मंडी कर्मचारियों का वेतन भत्ता असुरक्षित होता जा रहा है। साथ ही एमएसपी पर किसानों को उचित मूल्य मिलना मंडी के माध्यम से ही सम्भव है परन्तु बाजारों में किसानों को उपज बेचने के कारण उपज का उचित मूल्य मिल पाना संभव नहीं है। मंडी कर्मचारियों का कहना है कि अगर सरकार द्वारा मंडी कर्मचारियों का वेतन भत्ता सुरक्षित नहीं किया गया तो प्रदेश मंडी कर्मचारी अमर अनशन कर आंदोलन करेंगे।