तेरापंथ सभा भवन के शिलान्यास में जुटे हजारों समाजजन

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रितेश गुप्ता, थांदला
मध्यप्रदेश के आदिवासी बाहुल झाबुआ जिला के गांव थांदला में जहा तेरापंथ के मात्र 8 परिवार है। मैं तेरापंथ भवन का शिलान्यास शायर हीरालालजी मालू ने किया। ज्ञात रहे की की हीरालालजी मालू जब महासभा के अध्यक्ष थे तब मालवा प्रदेश की यात्रा में इस गांव की यात्रा भी की थी और वहा की स्थिति को देखते हुए तुरंत महासभा की भवन योजना में तेरापंथ भवन की स्वीकृति प्रदान की थी। बाद में कुछ कानूनी कारणों से महासभा द्वारा भवन निमार्ण के लिए स्वीकृत राशि प्राप्त नही हो पाई। मालवा सभा के पूर्व अध्यक्ष पूनमचन्द बरबेटा ने हीरालालजी मालू से संपर्क कर उनकी द्वारा स्वीकृत भवन की बात याद दिलाई तो मालुजी ने अपने कार्यकाल की स्वीकृति स्वयं की तरफ से प्रदान करने की सहमति प्रदान की। अपने वचनों पर कायम श्रीमालू ने शायर हीरालालजी मालू के हाथों से भवन के भूमिपूजन कर अपना वादा निभाने थांदला में मुख्य अतिथि के रूप में महासभा के उपाध्यक्ष जसराज मालू एवं तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम के पूर्व अध्यक्ष सलिल लोढा के साथ पहुंचे। आज के भूमिपूजन कार्यक्रम में चारों सम्प्रदाय व पूरे मालवा से समागत 1000 से ज्यादा श्रावकों की उपस्थिति जैन एकता की मिसाल कायम की। इस कार्यक्रम के साथ स्थानकवासी सम्प्रदाय में दीक्षा लेने मुमुक्षु मयंक पावेचा के मंगलभावना का कार्यक्रम भी आयोजित किया गया। स्वागत स्थानीय सभा अध्यक्ष अरविंद रुनवाल की पत्नी ने किया। अथितियों का परिचय पेटलावद से समागत पवन भंडारी ने दिया। मालवा सभा के अध्यक्ष दिलीप मांडोत एवं मंत्री अरुण श्रीमाल ने विचार रखते हुए मालू परिवार के प्रति आभार व्यक्त किया। स्थानकवासी समाज के अध्यक्ष जितेंद्र घोड़ावत ने स्वागत करते हुए कहा कि स्थानकवासी समाज थांदला के तेरापंथी परिवारों की साथ है और ये आराधना भवन दोनों समाज को और एकता प्रदान करेगा। महासभा के मालवा प्रभारी श्री दिलीप जी भंडारी ने विचार रखते हुए महासभा के सहयोग की बात रखी। मुम्बई से समागत सलिल लोढा ने आचार्यश्री महाश्रमण द्वारा सांवत्सरिक एकता के प्रयास के बारे बताते हुए कहा की गुरुदेव की वाणी का असर थांदला में श्वेताम्बर समाज की एकता में देखने को मिल रहा है । उन्होंने मालू परिवार द्वारा पूर्व में किये गए 32 भवनों के भूमि पूजन या उद्घाटन के बारे जानकारी देते हुए बीकानेर में स्थापित आचार्य महाप्रज्ञ बोनमैरो ट्रांसप्लांट यूनिट के बारे में जानकारी देते हुए कहा की ये भी मालू परिवार के सहयोग से पूरा हुआ है। लोढ़ा ने मालवा क्षेत्र के राजगढ़ एवं बोरी क्षेत्र में बकाया भवनो के लिए दोनों मालू परिवार से सहयोग के लिए निवेदन किया जिसे हीरालाल जी मालु एवम जसराज जी मालू ने सहर्ष स्वीकृति प्रदान की। महासभा के उपाध्यक्ष श्री जसराज जी मालू ने मालवा की पहली यात्रा के अनुभवो की साथ यहां के श्रावको की सरलता को विस्तृत रूप से बताते हुए कहा की मेरा सौभाग्य है की मुजे इस क्षेत्र में आकर मुजे भी संघ सेवा में कुछ करने का मौका मिला। आज के मुख्य वक्ता मालू ने अपने चिरपरिचित मारवाड़ी अंदाज में कहा की मेने आज थांदला का कि वर्षो पुराना ऋण उतार दिया है। संघ सेवा में कार्य गुरुकृपा के बिना संभव नही है में जो भी कार्य कर रहा हूं, सब गुरुदेव की कृपा का ही प्रसाद है। उन्होंने उपस्थित मालवा के श्रावकों से इस भवन में विसर्जन के लिए अनुरोध अपने अंदाज में किया और कहा शिलान्यास व उद्घाटन कर्ता के रूप में मालू परिवार पूरी राशि तो दे रहा है फिर भी उदघाटन कर्ता मूल निवासी होना चाहिए राशि की कोई बात नहीं है तो थांदला निवासी बड़ौदा प्रवासी समीरमलजीसा ने भवन के उद्घाटनकर्ता के रूप में सहमति प्रदान की एवं अन्य श्रावकों ने तीनों भवनों में सहयोग के लिए सहमति प्रदान की। मालूजी मुमुक्षु के लिए आध्यात्मिक मंगल कामना करते हुए कहा की हमारा सौभाग्य है की भवन के भूमिपूजन के कार्यक्रम में वैरागी भाई भी उपस्थित है। उन्होंने पूनमचंद बरबेटा एवं सलिल लोढा का आभार व्यक्त करते हुए की उनके निवेदन से दोनों मालू परिवार को मालवा तेरापंथ दो और भवनों के लिए सहयोगी बने है। मुमुक्षु मयंक ने गीत के माध्यम से भावना व्यक्त की।’ थांदला नगर अध्यक्ष बंटी डामोर ने सबका स्वागत करते हुए सरकार की और से जैन समाज को सहयोग की भावना व्यक्त की। संचालन पेटलावद के राजेश जी वोरा ने किया।