सरस्वती शिशु मंदिर में तुलसी पूजन व परिक्रमा कर बच्चों ने जानी तुलसी की महिमा

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झाबुआ लाइव के लिए राणापुर से मुकेश परमार की रिपोर्ट 
हमारी संस्कृति की हर घर आंगन में तुलसी लगाने परंपरा थी पाश्चात्य आधुनिकरण के कारण जो लोग तुलसी की महिमा को भूल गए अपनी संस्कृति के पूज्य वृक्षों परंपराओं परंपराओं को भूल गए हैं वह लोग और पाश्चात्य परंपरा व तौर-तरीके को अपनाते गए वे लोग चिंता तनाव और अशांति एवं विभिन्न शारीरिक मानसिक बीमारियों से ग्रस्त होते गए इसी घोर नैतिक पतन को रोकने व्यक्तियों को संतों ने प्रेरणा दी। तुलसी, पीपल, आंवला-नीम आदि लाभकारी पौधारोपण का अभियान चलाया जाए। प्रतिदिन तुलसी को जल देकर उसकी परिक्रमा करें तुलसी पत्तों का सेवन करने साथ ही प्रतिदिन 25 दिसंबर तुलसी पूजन दिवस मनाने एवं तुलसी पूजन दिवस के उपलक्ष में हर गली हर मोहल्ला स्कूल में तुलसी पूजन कार्यक्रम की श्री योग वेदांत सेवा समिति द्वारा आयोजित किए जा रहे हैं। इस कड़ी में गत दिवस राणापुर विकासखंड के मोरडूंडिया एकलव्य आदर्श आवासीय, पारा, टांडी, चुई, बन, समोई, मांडली नाथू आदि संस्कृत सरस्वती शिशु मंदिर राणापुर में तुलसी पूजन और परिक्रमा करके पूजन का लाभ सरस्वती विद्या मंदिर के बच्चों ने लाभ लिया। उस वक्त आशारामजी राणापुर आश्रम के मार्गदर्शन में बताया कि आने वाली 25 दिसंबर को तुलसी पूजन दिवस मनाइए, जो दरिद्रता मिटाना व सुख.सम्पदा पाना चाहता है  उसे तुलसी पूजन दिवस के अवसर पर शुद्ध भाव भक्ति से तुलसी के पौधे की 108 परिक्रमा करनी चाहिए। तुलसी के थोड़े पत्ते पानी में डालने से उसे सामने रखकर भगवत गीता का पाठ करें फिर उस घर के सभी लोग मिलकर भगवान नाम कीर्तन कर के हास्य प्रयोग करें और वह पवित्र जल ग्रहण करें यह प्रयोग करने से घर में झगड़े मिटते हैं। शराब, कबाब आदि आपकी आदतें छूटती है और घर में सुख शांति का वास होता है। उस वक्त विद्यालय में भी तुलसी पूजन दिवस मनाया। इसी दिन विद्यार्थी तुलसी माता की परिक्रमा करें पूजन करें वह तथा  तुलसाजी का पौधा घर पर लगाइए उनकी रक्षा करें और तुलसी पते का प्रतिदिन सेवन करने से बौद्धिक विकास व स्वास्थ्य लाभ होता हैं। उसवक्त आश्रम की ओर से राणापुर आश्रम दीदी ने बताया कि 25 दिसंबर से 1 जनवरी के दौरान नशीले पदार्थों का सेवन आत्महत्या जैसी घटनाएं युवा धन की दवाई एवं वह सीन अप्रत्यक्ष रूप होते हैं । इसीलिए विश्व मानव के लिए कल्याण के लिए पूज्य संतश्री का आह्वान है कि 25 दिसंबर से 1 जनवरी तक तुलसी पूजन, जप, माला पूजन,हवन यज्ञ, गीता एगंगा जागृति यात्रा सत्संग आदि कार्यक्रम आयोजित जिसमें सभी की भलाई हो तन तंदुरुस्त हो मन प्रसन्न रहे तथा बुद्धि में भौतिकता प्रकाशन प्रकट हो, गंगा तुलसी यह ओजस्वी तेजस्वी बने गीता ज्ञान से अपने मुक्त आत्मा परमात्मा स्वरुप को जाने। युवा सेवा समिति के अध्यक्ष दीवान भूरिया ने बताया कि प्रत्येक बच्चे को प्रतिदिन 5-7 तुलसी के पत्ते खाने से यह किसी भी प्रकार की बीमारियां नहीं होगी। सुबह उठकर अपने माता-पिता को प्रणाम करें और उन्हें आशीर्वाद ले उनके ही आशीर्वाद से आपका भविष्य उज्जवल होगा। योग्य वेदांत सेवा समिति के सदस्य गुलाब सिंह अमलियार, पिंजुलाल मेड़ा, प्रताप सिंह चौहान, मदन सिंह वसुनिया, मांगुसिंह वसुनिया, दिवानसिंह भूरिया, मुकेश मेड़ा आदि मौजूद रहे।