करोड़ों जन्मों के पुण्य का फल संत-सदग्रंथ का विश्वास के रूप में मिलता है  : ज्ञानी महाराज

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मयंक गोयल, राणापुर
करोड़ों जन्मों के पुण्य का फल संत एवं सद्ग्रंथ का विश्वास के रूप में मिलता है उक्त आशीर्वचन गौभक्त सन्त ज्ञानी महाराज द्वारा कथा के 7 दिवस रामकथा में उपस्थित श्रद्धालुओं को कही। आज की कथा में किष्किंधाकांड में जामवन्त हनुमान संवाद तथा राम कार्य के लिए हनुमान जी का चयन किन गुणों के आदजर पर किया गया आदि विषयों पर प्रकाश डाला गया कथा में 4 वेदियो का सार बताते हुए कहा कि जिनमे ये 4 गुण होते है वे वेदों के ज्ञाता के समान ही है भगवान के लिए जो भी किया जाता है वो ही सुकृत है भगवान के लिये जो जाना जाता है वो ही ज्ञान है। भगवान से जितना प्रेम किया जाता है वो ही भक्ति है एवं सद्गुरु के बारे में प्रकाश डालते हुए कहा कि परमात्मा के चरणों मे विशुद्ध प्रेम ही परमात्मा है आज कथा में क्षेत्रीय विधायक शांतिलाल बिलवाल, भाजपा जिलाध्यक्ष मनोहरलाल सेठिया, प्रदेश कार्यसमिति के अध्यक्ष शैलेष दुबे, मंडल अध्यक्ष ललित बंधवार, मंडल महामंत्री शैलेंद्र सिसौदिया, रामेश्वर नायक, सुरेंद्र चौहान, राजेन्द्र उपाध्याय उपस्थित थे। साथ ही गीता मंडल यतीन्द्र ज्ञान मंदिर, बजरंग दल, तेजाजी मंदिर एवं गाहरी समाज द्वारा गुरुजी का बहुमान किया गया। आज के मुख्य यजमान बाबूलाल लच्छीराम सहायक एवं भोजन लाभार्थी जीवन लाल तुवरिया स्वल्पाहार स्नेहप्रभा काबरा की स्मृति में एवं प्रसादी मांगीलाल पटेल की ओर से  लाभ लिया गया।