EXCLUSIVE: ये क्या…? फिर एक व्यापारी ने किसानों को लगा दी चपत, 3 माह बीते; नही मिले ₹रुपये

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सलमान शेख। पेटलावद
शासन-प्रशासन द्वारा लाख कोशिशो के बाद भी भोलेभाले किसानो के साथ ठगोरे व्यापारी ठगी करने में अपनी कोई कसर नही छोड़ रहे है। किसान भोले होते है। इसलिए उनका फायदा उठाकर लोग उनके साथ ठगी कर लेते है। जून महिने में एक व्यापारी द्वारा किसानो की उपज का माल खरीदकर उन्हें पैसे नही देकर रफूचक्कर होने का मामला प्रकाश में आया था, उसके बाद यह मामला काफी दिनो तक चर्चा में रहा था। ऐसा ही एक और मामला फिर सामने आया है। जिसमें एक व्यापारी ने किसानो की उपज तो खरीद ली, लेकिन उन्हें पैसे देने में आनाकानी कर रहा है।
मामला ग्राम देदला का है। दरअसल, यहां के किसानो से थांदला का व्यापारी प्रवीण राठौड़ और मुनिम दिनेश राठौड़ गेहूं की उपज खरीदकर ले गए थे। हर बार यह व्यापारी यहां पहुंचकर किसानो की उपज खरीदता था और राशि जो भाव होता था उसके हिसाब से किसानो को देता था, लेकिन इस बार इस व्यापारी ने 3 महीने बीत गए किसानो को उनकी उपज की फूटी कोड़ी भी नही दी। जिससे आक्रोशित किसानो ने पेटलावद पुलिस थाने पहुंचकर मामले की शिकायत की।
किसान यूनियन के पदाधिकारियो को बताई पीढ़ा-
किसानो ने आरोप लगाया कि व्यापारी प्रवीण ने उनकी पसल खरीदी लेकिन भुगतान नही किया। लंबे इंतजार के बाद भी भुगतान नही मिला, तो उन्होनें यह बात भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष महेंद्र हामड़ और जिला महामंत्री जितेंद्र पाटीदार को बताई। इसके बाद जब उन्होनें उक्त व्यापारी से मामले में बात करना चाही, तो उस व्यापारी ने उल्टा उन्हें ही मानसिक रूप से धमकियां देना शुरू कर दी, इसके बाद उन्होनें इसकी शिकायत पुलिस थाने में की।
इन किसानो की इतनी फसल के बाकि है रूपए-
व्यापारी प्रवीण राठौड़ ने देदला के करीब 4 किसानो से गेहूं की फसल विगत मई माह में खरीदी थी, लेकिन अभी तक उसने फसल के पैसे किसानो को नही चुकाए। 2 हजार 100 रूपए प्रति क्विंटल के हिसाब से खीमा मैड़ा के 30 क्विंटल गेहूं जिसकी कीमत 63 हजार, पप्पू पिता रतन मैड़ा के 17 क्विंटल गेहूं जिसकी किमत 35 हजार 700, दिनेश पिता बाबू मैड़ा के करीब 17 क्विंटल गेहूं जिसकी कीत 35 हजार रूपए और अनिल पिता रमेश मैड़ा के 15 क्विंटल गेहूं व्यापारी प्रवीण ने खरीदी थी जिसकी कीमत 31 हजार 500 रूपए थी। यह सभी राशि ठगोरे व्यापारी प्रवीण राठौड़ ने किसानो को नही चुकाई और रोज आज-कल करते-करते अब उसने किसानो के फोन उठाना बंद कर दिए है।
पेटलावद के व्यापारी जैसे एक-एक पाई लेंगे-
भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष महेंद्र हामड़ और महामंत्री जितेंद्र पाटीदार ने बताया जिन किसानो की उपज के पैसे व्यापारी नही दे रहा है, उससे हम पेटलावद के व्यापारी जैसे एक-एक पाई लेंगे। भले ही हमें आंदोलन, धरना प्रदर्शन ही क्यो न करना पड़े, हम किसानो को उनकी उपज के रूपए दिलाकर ही छोड़ेंगे।
हर बार ठगाता है किसान-
यह पहली दफा नही है जब किसानो के साथ ठगी हुई है। इससे पहले भी ऐसे कितने ही व्यापारीयो ने किसानो के साथ धोखधड़ी की, लेकिन हर बार किसान उसके खिलाफ आवाज नही उठा पाते थे, क्योकि उनके पास कोई पुख्ता सबूत नही होता था, लेकिन अब किसान धीरे-धीरे जागरूक होने लगा है। अब किसान ऐसे व्यापारी जो किसानो के साथ ठगी करते है उनके खिलाफ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े है।