इस बार हमे कहीं भी नही आई परेशानी, सेना ने जो भूमिका निभाई वह काबिले तारीफ है..

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Salman Shaikh@ Jhabua Live
पेटलावद से हम हमारी सुविधा से पवित्र अमरनाथ यात्रा के सफर पर निकल पड़े, फिर बादलो से अठखेलियां करते-करते हम श्रीनगर पहुुंच गए। यहां से ही कड़ी सुरक्षा हमने देखी। पवित्र अमरनाथ जाने वाले यात्रियो के वाहनो में इस बार एक खास तरह की रेडियो फ्रीक्वेंसी आईडेन्टिफिकेशन, जिसे आरएफआइडी टैग कहते है, लगाया जा रहा था। हमारी टैक्सी मे भी यह टैग लगा दिया गया, जिससे पता चले कि यह वाहन अमरनाथ यात्रा का है और जगह-जगह लबे बारकोड रीडर से कार की लोकेशन भी मिलती रहे।
यह कहना है पेटलावद से गत दिनो बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए निकले अमरनाथ यात्रियो के 3 जत्थो के मुख्य संयोजको राजू सतोगिया, मोहन पडिय़ार और विकास चौहान का। दरअसल, अमरनाथ यात्रा के लिए प्रतिवर्ष सैकड़ो श्रद्धालु नगर से निकलते है। पिछले दो-तीन वर्षो से उन्हें बाबा बर्फानी के दर्शन में कोई न कोई समस्या या कठिनाई आ रही थी, लेकिन इस बार सभी दर्शनार्थी सेना और शासन-प्रशासन द्वारा की गई व्यवस्था से खुश नजर आए।
सबकुछ अच्छा रहा, आसानी से हुए बाबा बर्फानी के दर्शन-
70 यात्रियो का जत्था लेकर पहुंचे संयोजक राजू सतोगिया ने बताया हजारो किमी का सफर तय करके हम श्रीनगर के बीएसएफ कैंप में पहुंचे। अमरनाथ यात्रा पर जाने से पहले वहां रजिस्ट्रेशन और मेडिकल जांच जरूरी होती है। हमने बीएएसएफ कैंप में अपनी मेडिकल जांच और रजिस्टे्रशन कराया। यात्रियो को एक बार कोड भी मिलता है जिसके जरिए उनकी गतिविधियो की जानकारी मिलती है। इसके बाद हम उसी दिन आगे के सफर पर निकल पड़े। सडक़ के दोनो तरफ सुरक्षा का जिम्मा संभाल रहे जवान नजर आ रहे थे। हर 100 मीटर पर एक जवान, बख्तरबंद गाडिय़ां और चलदस्ते थे। संदेश साफ दिया गया कि इस बार तीर्थयात्रा पर कोई आतंकी हमला न होने पाए। हमने आगे का सफर शुरू किया, हजारो क संख्या में खच्चर, पालकी वाले यहां ग्राहको की तलाश में खड़े थे। यह पवित्र यात्रा कश्मीरी मुसलमानो के लिए रोजी-रोटी का जरिया भी है, उनके बिना यह यात्रा पूर नही हो पाती। हमने इस बार बड़ी आसानी से 8 जुलाई को बाबा बर्फानी के दर्शन किए।
थोड़ी तकलीफ तो होती है-
दूसरे जत्थे के संयोजक मोहन पडिय़ार ने बताया मेरा कई वर्षो का अनुभव रहा है। किसी न किस को थोड़ी तकलीफ तो होती है, रास्ता बहुत खराब है। सबसे बड़ी चुनौती भीड़ को संभालना और किसी भी तरह के आतंकी खतरे को नाकाम करना है। यहां की सुरक्षा का जिम्मा सीआरपीएफ के पास है, जो बखूबी अपनी जिम्मेदारी निभा रहे है। यहां चारो तरफ सीसीटीवी कैमरे लगे है और कंट्रोल रूम भी बना हुआ है। ड्रोन कैमरो के जरिए निगरानी की जा रही है और उंचाई पर भारतीय सेना तैना है। 10 जुलाई को हमारे सभी साथियो ने इस बार बिना किसी परेशानी उठाए बाबा अमरनाथ के दर्शन किए।
हम बहुत खुश है-
नगर से निकले तीसरे जत्थे के संयोजक विकास चौहान ने बताया हम बाबा बर्फानी की गुफा में पवित्र शिवलिंग के दर्शन करने वाले है। हम सेना की व्यवस्था से बहुत खुश है। हम किसी से डरते नही है। हमारी सेना हमारी सुरक्षा कर रही है तो डर किसी बात का। सुरक्षा बल पूरी तरह से चौकस है और राष्ट्र विरोधी तत्वो और सीमापार स्थित उनके आकाओ के नापाक इरादों को विफल करने के लिए पर्याप्त कदम उठाए गए है।