पांडालों में गरबों की रही धूम : मां ब्रह्मचारिणी की पूजा अर्चना में जुटे धर्मावलंबी

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भूपेंद्र बरमंडलिया, मेघनगर
आनन्दमय ब्रह्मस्वरूप की प्राप्ति शीघ्र कराने वाली देवी स्वभाव से तरल एवं दुष्टों को सत्मार्ग दिखाने वाली का पूजन शारदीय नवरात्रि के द्वितीय दिन ब्रह्मचारिणी के नाम से होता है। इस बार इनका दर्शनपूजन उत्सव समिति एवं भारतीय पत्रकार संघ के भव्य गरबा पांडाल शंकर मंदिर में देखने को मिला। भगवती दुर्गा की नौ शक्तियों का दूसरा स्वरूप ब्रह्मचारिणी का है। देवी दुर्गा का यह स्वरूप एक ऐसी कन्या का है जो भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए घोर तपस्या करने के कारण देवी को तपश्चारिणी अर्थात ब्रह्मचारिणी नाम से अभिहित किया गया। आनन्दमय ब्रह्मस्वरूप की प्राप्ति शीघ्र कराने वाली देवी स्वभाव से तरल एवं दुष्टों को सत्मार्ग दिखाने वाली का पूजन शारदीय नवरात्रि के द्वितीय दिन ब्रह्मचारिणी के नाम से होता है। इस बार इनका दर्शन-पूजन गुरुवार को हुआ जिसकी भव्य 108 दीपक की महाआरती का लाभ रोटरी क्लब अपना के संरक्षक भरत मिस्त्री, अध्यक्ष महेश प्रजापत पूर्व अध्यक्ष जयंत सिंघल, मांगीलाल नायक रोटेरियन डॉ. किशोर नायक, डॉ असीम कुमार विश्वास, प्रमोद कुमार तोषनीवाल, निलेश भानपुरिया, संजय गुप्ता, जय पार्थ आदि मां भक्तों में 108 दीपक की महा आरती का आनंद परिवार के साथ लिया। नौ दुर्गा में ब्रह्मचारिणी देवी का स्वरूप पूर्ण ज्योतिर्मय व अत्यंत भव्य है। इनके दाहिने हाथ में जप की माला व बाएं हाथ में कमंडल रहता है। साधक यदि भगवती के इस स्वरूप की आराधना करता है तो उसमें तप करने की शक्ति, त्याग, सदाचार, संयम और वैराग्य में वृद्धि होती है। जीवन के कठिन से कठिन संघर्ष में वह विचलित नहीं होता है। भगवती ब्रह्मचारिणी की कृपा से उसे सदैव विजय प्राप्त होती है। शक्ति पूजन की दृष्टि से ब्रह्मचारिणी दुर्गा की उपासना का खास महत्व है। देवी की महिमा का बखान इस मंत्र में है। ब्रह्मम चारयितुं शील यास्या सा ब्रह्मचारिणी अर्थात जो देवी सच्चिदानंदमय ब्रह्म स्वरूप को प्राप्त करने वाले स्वभाव की हो। वह मूर्ति ब्रह्मचारिणी की हे। उपाय जन्म उक्त आयोजन में नवरात्रि महोत्सव 2018 की अध्यक्ष मैना केवट, अन्नपूर्णा मेहता, दक्षा देवाणा एवं गणेश महिला मंडल की पूरी टीम के साथ पार्वती कोरी भी पूर्ण गरबा पांडाल व्यवस्थाएं संभाल रही है।