देखिये…वनविभाग की अनोखी पहल, जंगली फूल पत्तियों से बनाया जा रहा हर्बल गुलाल ..

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सलमान शैख़@ झाबुआ Live
ग्रीन इंडिया मिशन के अंतर्गत ग्रामीणों को अस्थाई विकल्प के रूप में रोजगार देने के लिए यह अनोखी पहल क्षैत्र में की है। इसके तहत प्राकृतिक सुगंध के साथ हर्बल गुलाल बनाने का कार्य पेटलावद रैंज में किया जा रहा है। केमीकल से बने गुलाल से लोगों को दूर करने के साथ ही बेरोजगारो को हर्बल गुलाल बनाकर स्वरोजगार से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाने के लिए वन विभाग का सपना साकार होता दिख रहा है।
ऐसे बन रही है गुलाल, 3 क्विंटल बनाने का लक्ष्य-
वन परिक्षैत्राधिकारी जूलियस पिपलाद ने बताया कि हर्बल गुलाल तैयार करने को लेकर पिछले कई दिनों से लोगों को जागरूक कर रहे थे। खासकर वन समितियों के माध्यम से यह कार्य हमारी प्राथमिकता थी। वन क्षेत्र से पलाश सहित विभिन्न रंगों के फूल व पेड़ों की पत्तियों को उबाल कर उनका रस व रंग निकाला जा रहा है। दूसरी टीम इस रस से आरारोट मिलाकर गुलाल तैयार कर रही है। लाल, गुलाब, हरा, पीला आदि कई रंगों में गुलाल तैयार हो रही है। हमने इस बार 3 क्विंटल हर्बल गुलाल बनाने का लक्ष्य रखा है। वन विभाग के कर्मचारियों और समिति के लोगों ने विशेष रूप से मदद की है। हम चाहते हैं कि लोग होली पर्व पर प्राकृतिक रंगों का उपयोग करें और स्वस्थ रहें। एक अच्छी होली खेलने की पहल करें। यदि यह परंपरा लगातार बनी रहती है तो आने वाले समय में इससे आजीविका का विकल्प भी तैयार होता है।
20 से 25 समितियां लगी हुई है इस कार्य में-
हर्बल गुलाल बनाने में वन विभाग की 20 से 25 समितियां लगी हुई है। इसमें पूरे झाबुआ जिले से फूलों को मंगाया जा रहा है। जब यह गुलाल तैयार हो जाएगा तमो इसे हम पहले तो हमारे विभाग में सप्लाय करेंगे और फिर भोपाल, इंदौर जैसे बड़े शहरों में जहां इसकी मांग अधिक होती है वहां सप्लाय किया जाएगा। पेटलावद रैंज में कुंभाखेड़ी, बिजोरी और तंबोलिया समिति विशेष रूप से इस पूरे कार्य में लगी हुई है। गुलाल की कीमत 300 रूपये प्रति किलो ग्राम विभाग ने तय की है। इस गुलाल में किसी तरह का केमीकल या रंग काम में नहीं लिया जाता। फूलों की सुंगध और कलर के साथ किलो व आधा किलो की पैकिंग तैयार की जा रही है।
एंटी एलर्जिक है गुलाल-
होली पर कोई गालों पर रंग मले बिन नहीं रहता। बाजार में आने वाली गुलाल में कई रासायन मिले होने से सबसे ज्यादा चिंता रहती है स्कीन इंफेक्शन की। ऐसे में यह गुलाल बहुत ही लाभदायक है। गुलाल से चर्म रोग होने की कोई संभावना नहीं है, वहीं यह गुलाल प्राकृतिक जड़ी-बूटियों से तैयार होने के कारण और रोगों से भी बचाती है।