26 साल से ” आयशा ओर प्रदीप ” का रिश्ता ” रक्षाबंधन” पव॔ पर देता है हिंदू – मुस्लिम एकता का संदेश

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झाबुआ Live के लिए ” राणापुर” से ” राजेंद्र गोयल ” की EXCLUSIVE रिपोर्ट । 

आयशा & प्रदीप
आयशा & प्रदीप

 देश भर मे राजनीतिज्ञो ने कथित ” धार्मिक  एंव जातिगत असहिष्णुता ” का वातावरण बना रखा है लेकिन पश्चिमी मध्यप्रदेश के आदिवासी बहुल ” झाबुआ ” जिले के ” राणापुर” कस्बे मे बीते 26 साल से एक रिश्ता ऐसा भी चल रहा है जो हर रक्षाबंधन पर ” असहिष्णुता ” को धता बताकर ” हिंदू – मुस्लिम एकता की ” गंगा – यमुना” तहजीब का प्रतीक बनकर उभरता है । आज भी राखी के पवन पर झाबुआ जिले के ” राणापुर” मे आयशा अपने ससुराल ” चंदशेखर आजाद नगर ( जिला अलीराजपुर) से राणापुर पहुंची ओर अपने भाई ” प्रदीप गोस्वामी ” को राखी बांधी । इस बार नयी बात यह रही कि भाई – बहन के रिश्ते को एक ओर नया आयाम देते हुए आयशा की बेटी ” फिरदोस” ने भी प्रदीप के बेटे ” नयन ” को पहली बार राखी बांधी । क्योकि फिरदोस का कोई भाई नही है ओर नयन की कोई बहन नही है इसलिए फिरदोस ने भी अपनी मां आयशा के भाई प्रदीप के पुत्र को अपना भाई बना लिया ओर मां की राह पर चल पडी । 20160818_142711-1

1990 से बना रिश्ता

आयशा ओर प्रदीप का रिश्ता आज का नही है बल्कि 26 साल पुराना है । प्रदीप गोस्वामी कहते है कि आयशा जब अविवाहित थी ओर वह 10 वी कक्षा मे पढते थे तब राणापुर मे ही अपने एक दोस्त के यहां पढने जाते थे जो दोस्त आयशा के घर के पास मे रहता था  तभी एक दिन आयशा ने उसे राखी बांधकर भाई बनाने की इच्छा प्रकट कर दी ओर प्रदीप ने भी भावुक होकर आयशा को अपनी बहन मान लिया । हालांकि प्रदीप की पहले दो बहने है । लेकिन इस भावुक रिश्ते को उनहोंने तुरंत अपना लिया ओर आज तक दोनो उस रिश्ते को निभा रहे है । आयशा कहती है कि प्रदीप के रुप मे उसे सच्चा भाई मिला है जो उसका हमेशा ख्याल रखता है हर राखी पर उसे बुलवाया है उपहार देता है सुख दुख मे साथ खडा रहता है । वही प्रदीप कहते है कि देश मे हिंदू – मुस्लिम का बंटवारा तो राजनीतिक विषय है हकीकत मे यहां सब मिल जुलकर रहते है ओर आयशा ओर मै दोनो एक दूसरे की पूजा पद्धति का सम्मान करते है । आयशा ओर प्रदीप के भाई बहन के इस पवित्र रिश्ते से पडोसी भी अभिभूत है पडोसी महेंद्र पोरवाल कहते है कि आयशा ओर प्रदीप का रिश्ता अब इलाके के भाई बहनो के लिए मिसाल बन चुका है हर कोई यहां उदाहरण के रुप मे इस रिश्ते को सामने रखताए महेंद्र पोरवाल कहते है कि राजनीतिक लोगो को यहां हर राखी पर आकर देखना चाहिए कि हिंदू – मुसलमानो को वोटो के चक्कर मे बांटने का जो वह प्रयास करते है वह हकीकत मे कैसे प्रेम से रहते है । दिलचस्प बात यह है कि आयशा के ससुराल ” चंदशेखर आजाद नगर ” मे भी उनके पति ” युनूस ” को एक हिंदू बहन हर साल राखी बांधती है ।