निजी एवं चिटफंड कंपनियों के खिलाफ लामबंद हुए एजेंट्स

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झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
सर्व हित महाकल्याण एसोसिएशन द्वारा एक रैली निकाल कर प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन तहसीलदार अंतरसिंह कनेश और थाना प्रभारी को एक ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में बताया गया कि वित्त मंत्रालय की मिनिस्ट्री आफ कार्पोरेशन के तहत रजिस्टार आफ कंपनीज एक्ट 1956 के तहत पंजीकृत कंपनियों ने झाबुआ जिलें में काम किया और बेरोजगार युवक-युवतियों ने इन कंपनियों में अभिकर्ता के रूप में कार्य किया और अपना एवं अपने परिचितों और मित्रों, रिश्तेदारों का पैसा बचत के रूप में उपरोक्त कंपनियों में निवेश कराया है, जिसमें क्षेेत्र के लोगों के करोड़ों रुपए फंसे हुए है। सेबी द्वारा इनकी चल अचल संपत्तियों का अधिग्रहण कर लिया गया है. बैंक खातों को सील कर दिया गया है। उक्त कंपनियों के संचालकों और जिम्मेदार व्यक्तियों को जेल में बंद कर दिया गया है, जिस कारण से लाखों निवेशकों की पूंजी डूबने का खतरा है। इसलिए हम मांग करते हैं। निवेशकों को पैसा वापस दिलाया जाए और अभिकर्ताओं को सुरक्षित किया जाए, यदि सरकार जल्द ही कोई फैसला नहीं लेती है तो संगठन के द्वारा उग्र आंदोलन किया जाएगा। यदि फिर भी सरकार नहीं मानी तो संगठन द्वारा आगामी दिनों में होने वाले चुनावों का बहिष्कार किया जाएगा।